विनिर्माण अर्थव्यवस्था के सेहत में सुधार
अप्रैल निक्केर्इ इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग इंडेक्स (पीएमआइ) सुधरकर 51.6 पर आ गया है। मार्च के माह में ये 51.0 पर था। इससे पिछले माह की तुलना में देश की विनिर्माण अर्थव्यवस्था के सेहत में सुधार को देखा जा सकता है। इसके साथ ही मुद्रास्फिति के दबाव को भी दूसरे माह में नियंत्रित करने में मदद मिला है। इनपुट लागत आैर आउटपुट शुल्कों में भी बढ़ोतरी देखने को मिला है। ये जुलार्इ 2017 आैर सितंबर 2017 के बाद ये बढ़ोतरी देखने को मिला है।
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ब्याज दरों में कटौती कर सकती है आरबीआइ
लेकिन रिटेल मुद्रास्फिति में गिरावट देखने को मिला है जिससे रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। इससे विकास की रफ्तार को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा। अापको बता दें कि माैजूदा वित्त वर्ष के पहली द्वैमासिक माॅनिटरी बैठक में आरबीआइ ने ब्याज दरों में कोर्इ बदलाव नहीं किया था। आरबीआइ के माॅनिटरी पाॅलिसी कमेटी (एमपीसी) ने लगातार चौथी बार इसमें कोर्इ भी बदलाव नहीं किया था।
लगातार 9वें महीने पीएमआइ 50 के उपर
गौरतलब है कि लगातार 9वें महीनें में देश के मूनयुफैक्चरिंग पीएमआइ इंडेक्स 50 के ऊपर बना हुआ है। यदि पीएमआइ इंडेक्स के 50 से ऊपर रहता है तो इससे विस्तार की स्थिति के बारे में पता चलता है वहीं जब ये 50 से नीचे होता है तो संकुचन की स्थिति का पता चलता है। इससे एक बात साफ हो जाती है कि भारत की विनिर्माण अर्थव्यवस्था लगातार तिमाही दर तिमाही में आैर तेजी हासिल कर रही है। ये एक साकारात्मक बात है।