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वोटिंग से पहले सहमा बाजार, 24 घंटे में निवेशकों के डूब गए 3 लाख करोड़ रुपए

घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को जोरदार बिकवाली के बाद निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपए डूब गए।

Dec 06, 2018 / 05:14 pm

Ashutosh Verma

वोटिंग से पहले सहमा बाजार, 24 घंटे में निवेशकों के डूब गए 3 लाख करोड़ रुपए

नर्इ दिल्ली। पांच राज्यों में चुनाव से ठीक पहले हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। वैश्विक बाजार में गिरावट के बाद घरेलू बाजार में भी भारी गिरावट देखने को मिली। बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसर्इ) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स अंतिम कारोबारी सत्र में 572 अंक टूटकर 35312 के स्तर पर बंद हुआ। नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एनएसर्इ) पर निफ्टी भी 181 अंक टूटकर 10601 अंक पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को जोरदार बिकवाली के बाद निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपए डूब गए। इसके पहले बुधवार को अंतिम कारोबारी सत्र के बाद बीएसर्इ पर कंपनियों का कुल बाजार पंजीकरण 1,42,15,154.67 करोड़ रुपए रहा था। जबकि गुरुवार को पूरे दिन के कारोबार के बाद यह 3 लाख करोड़ रुपए घटकर 1,39,88,579.68 करोड़ रुपए रहा। आइए जानते में घरेलू बाजार में गुरुवार को इतनी बड़ी गिरावट के क्या 4 बड़े कारण रहे हैं।


1. पांच राज्यों में चुनाव से पहले निवेशक सतर्क

पांच राज्यों की चुनावी नतीजे घोषित होने से ठीक पहले निवेशक सतर्क दिखार्इ दे रहे हैं। तेलंगाना व राजस्थान में शुक्रवार को वोटिंग होनी है। जिसके बाद सभी राज्यों में चुनावी नतीजे 11 दिसंबर को घोषित होंगे। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि भारतीय जनता पार्टी इन पांच में से तीन राज्यों में सराकर बनानें में सफल रही तो घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। वहीं अगर भाजपा मध्य प्रदेश व राजस्थान में नहीं जीतती है तो बाजार में गिरावट देखने को मिल सकता है।


2. डाॅलर के मुकाबले 71 के स्तर पर रुपया

गुरुवार को शुरुआती कारोबार में डाॅलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर 71 स्तर पर पहुंच गया है। रुपए में यह गिरावट डाॅलर में मजबूती व कच्चे तेल की कीमतों में आर्इ तेजी से हुआ है। गुरुवार को कारोबार के दौरान डाॅलर के मुकाबले रुपए में 55 पैसे की गिरावट दर्ज की गर्इ जिसके बाद यह 71.01 के स्तर पर बरकरार है।


3. अोपेक बैठक से पहले कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव

बीते कुछ समय में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। गुरुवार को ही आेपेक देशों की बैठक होनी है। वैश्विक स्तर के कर्इ जानकारों का मानना है कि इस बैठक में आेपेक देश 0.5 से 1.5 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चे तेल का उत्पादन कम कर सकते हैं। आेपेक देश यह फैसला बीते माह कच्चे तेल की कीमतों में करीब 30 फीसदी की गिरावट के बाद ले सकते हैं।


4. वैश्विक बाजार में भी कमजोरी

आेपेक बैठक से ठीक पहले वैश्विक बाजार में भी कमजोरी देखनेा को मिल रही है। जापान का निक्केर्इ 2.4 फीसदी गिरावट दर्ज की गर्इ है। चीन का शंघार्इ कंपोजिट भी 1.5 फीसदी गिरा है। कोरिया का कोस्पी भी 1.6 फीसदी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।

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