सुधा मूर्ति ने अपनी किताब ‘द लॉस्टिंग लेगेसी’ (The Lasting Legacies) में भी इस घटना के बारें में लिखा है। उन्होनें किताब में बताया है कि कैसे उन्होनें जेआरडी टाटा को एक लेटर लिखकर औरतों को नौकरी ना देने की शिकायत की थी। उस दौर में लड़कियों को पढ़ाई और खासकर की इंजिनियरिंग जैसी पढ़ाई करने के लिए परिवाले राजी नहीं हुआ करते थे। वहीं सुधा मूर्ति ने 600 स्टूडेंट्स के बीच टॉप किया था। इसके बावजूद भी उन्हें टाटा मोटर्स के इंटव्यू के दौरान सिलेक्ट नहीं किया गया। जिसकी वजह था उनका लड़की होना।
सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) और नारायण मूर्ति की शादी 1978 में हुई थी। शादी के तीन साल बाद यानी की 1981 में इन्फोसिस की स्थापना हुई थी। जिस साल सुधा मूर्ति और नारयण मूर्ति की कंपनी शुरू हुई उसी साल टाटा मोटर्स से नौकरी छोड़ दी।