नेस्ले इंडिया मैगी के इस स्टॉक को नष्ट करना चाहती थी, लेकिन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मैगी में कुछ खतरनाक रसायनों की अधिक मात्रा पाए जाने के मामले में चल रही जांच के सुबूत के तौर पर इस स्टॉक को नष्ट करने पर आपत्ति दर्ज कराई थी।
खाद्य विभाग की इस आपत्ति को न्यायालय ने ठुकरा दिया। दरअसल, इस मामले में कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पैरवी करते हुए कहा कि देश में 39 स्थानों पर रखे ये स्टॉक स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक हो सकते हैं। इनकी उपयोग की तारीख भी बीत चुकी है।
साल्वे ने बताया कि कंपनी पहले भी अपने विभिन्न केंद्रों से वापस आई 38,000 टन मैगी को सीमेंट प्लांट में ईंधन के रूप में जलाकर नष्ट कर चुकी है ।