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अमरीकी अर्थशास्त्री थेलर ने मोदी के फैसले पर उठाए सवाल, नोटबंदी लागू करने में हुईं चूक

locationनई दिल्लीPublished: Nov 19, 2017 03:04:35 pm

Submitted by:

Prashant Jha

शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थेलर ने कहा कि 2000 रुपए का नोट लाना समझ से परे है। काला धन खत्म करना और कैशलेश इकॉनमी बनाने जैसे मकसद नहीं होंगे पूरे।

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नई दिल्ली: नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार की किरकिरी लगातार जारी है।अब अमरीका अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड थेलर ने सवाल खड़े किए हैं। अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर ने कहा कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार का अच्छा था। लेकिन लागू करने का तरीका बिलकुल ही बकवास। शिकागो यूनिवर्सिटी के छात्र स्वराज कुमार के एक सवाल के जवाब में थेलर ने कहा कि 2000 रुपए का नोट लाना समझ से परे है। इससे काला धन खत्म करना और देश को कैशलेश इकॉनमी बनाने जैसे मकसद भी पूरे नहीं होंगे। स्वराज कुमार ने थेलर से ट्वीटर अकाउंट पर हई बातचीत को शेयर किया। जिसमें थेलर ने ये बात कही।
थेलर ने पहले किया था समर्थन
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था, उस वक्त नोबेल विजेता थेलर ने मोदी के फैसले का समर्थन किया था। थेलर ने ट्वीट कर कहा था कि वह सरकार के ऐसे कदम का शुरू से समर्थन करते रहे हैं। हालांकि, बाद उन्होंने अफसोस भी जताया । थेलर ने 2000 और 500 रुपए के नए नोट जारी होने पर अफसोस भी जताया था। बता दें कि शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रफेसर रिचर्ड थेलर को इस साल 2017 में ही अर्थशास्त्र का नोबेल दिया गया है। यह पुरस्कार व्यावहारिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया।
ब्लैकमनी के खिलाफ नोटबंदी
गौरतलब है कि नबंवर 2016 को मोदी सरकार ने ब्लैकमनी, हवाला कारोबार समेत बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का फैसला किया था। हालांकि सरकार के इस फैसले से लोगों को तीन महीनों तक पैसे लेने के लिए एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी लाइनें लगानी पड़ी। बताया गया कि इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई थी।
विपक्ष कई बार बोल चुका है हमला

विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला था। नोटबंदी के चलते भारत की विकास दर भी कम हुई है। हालांकि पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग में सुधार करते हुए अर्थव्यवस्था को सही दिशा में बताया था।
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