प्रधान ने कहा की, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल पंप पर गैर इंधन इकोसिस्टम शुरू करने के लिए टाई-अप करने जा रही हैं। वहीं रसायन और उर्वरक मंत्रालय के डिर्पाटमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स के अंर्तगत पेट्रोल पंप पर भविष्य में जन औषधि स्टोर्स खोले जाएंगे। आपको बता दें की इससे पहले, बुधवार को कम बिजली खपत वाले एलईडी बल्ब बेचने को लेकर भी एक एमओयू साईन हुआ। ये एमओयू एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) और सरकारी ईंधन रिटेल कंपनियों के बीच साइन हुआ।
गौरतलब है कि दवा की दुकानें खोलने के लिए सरकार के सामने फार्मासिस्टों को एप्वाइंट करना एक बड़ी चुनौती हैं। नियमों के हिसाब से इन दुकानों पर काबिल फार्मासिस्टों की जरूरत होगी। अधिकारियों ने विश्वास जताया है कि इस समस्या का निवारण जल्द ही हो जाएगा। इससे नौकरीयों का भी अवसर मिलेगा। इस प्रोजेक्ट से जुड़ें सूत्रों के मुताबिक, सरकारी उपक्रम होने के नाते हम प्राइवेट दवा की दुकानों जैसा रवैया नहीं अपना सकतें।
ये भी सुविधाएं देने पर सरकार कर रही हैं विचार
सरकार भविष्य में पेट्रोल पंप पर और भी सुविधाएं देने पर भी विचार कर रही हैं। प्रधान ने बताया की आईटी मिनिस्ट्री के तहत आने वाले कॉमन सर्विस सेंटर के कॉन्सेप्ट के के तहत पेट्रोल पंपों पर पैन और आधार कार्ड जारी करने जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इनमें दैनिक सेवाओं के बिल पेमेंट, बैंकिंग जैसी सेवांए देने की संभावनाओं पर भी विचार हो रहा हैं। आपको बता दें कि इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के साथ गठजोड़ है। ये सरकारी ईंधन कंपनियां 55 हजार पेट्रोल पंपो पर एलईडी बल्ब और अन्य बिजली बचाने वाले उपकरण बेचेंगी।