पिछले साल जून में देश में 2,23,454 यात्री वाहन बिके थे। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि यह मई 2013 (11.70 प्रतिशत) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। उन्होंने बताया कि डीलरों को पुराने स्टॉक पर सेस की भरपाई करने के लिए सरकार तैयार नहीं थी जिसके कारण उन्होंने एक तरफ भारी छूट पर वाहन बेचे तो दूसरी तरफ स्टॉक बढ़ाने से बचने के लिए कंपनी से खरीदारी नहीं की।
इस कारण थोक बिक्री के आंकड़ों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि खुदरा बिक्री जून में अच्छी रही है। यात्री वाहनों में जून में कारों की बिक्री 11.24 प्रतिशत घटकर 1,36,895 इकाई पर आ गई। उपयोगी वाहनों की बिक्री 11.25 प्रतिशत और वैनों की 10.72 प्रतिशत गिरकर क्रमश: 49,547 और 11,957 इकाई पर रही।
दुपहिया वाहनों की बिक्री में 4 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई और इसका आंकड़ा पिछले साल जून के 14,68,263 से बढ़कर 15,27,049 पर पहुंच गया। मोटर साइकिलों की बिक्री 2.18 प्रतिशत बढ़कर 9,64,269 पर और स्कूटरों की 10.60 प्रतिशत बढ़कर 4,97,478 पर पहुंच गई।
नोटबंदी से वाहनों की बिक्री खासी प्रभावित हुई थी। सियाम ने अपने तिमाही प्रस्तुतिकरण में कहा है कि यात्री वाहनों और दुपहिया वाहनों की बिक्री में आने वाले समय में वृद्धि जारी रहेगी। जून के कमजोर आंकड़ों से पहली तिमाही के दौरान यात्री वाहनों की बिक्री की वृद्धि दर 4.38 प्रतिशत और दुपहिया वाहनों की 7.78 प्रतिशत रह गई। सियाम ने पहले कहा था कि चालू वित्त वर्ष में यात्री वाहनों की बिक्री सात से नौ प्रतिशत बढ़ेगी।