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शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई होनी है
कंपनी का कहना है कि उसके पास आलू की इस वेराइटी का प्रॉपर्टी राइट है। अब गुजरात किसानों ने पेप्सिको के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। किसानों ने इस पूरे मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है।आगामी शुक्रवार को अहमदाबाद कोर्ट में इस केस पर सुनवाई होनी है। इस विरोध के दौरान किसानों ने कहा यदि इसपर कार्रवाई नहीं होती तो आगे भी दूसरी फसलों को लेकर किसानों को ऐसे ही परेशान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी रूप से उन्हें इस बात की छूट है कि वे किसी भी वेराइटी की फसलों को उगाएं। उन्हें बीज तक को बेचने का हक है।
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किसानों ने की PPV&FRA से केस लडऩे की मांग
उन्हें बस इस बात का ख्याल रखना होता है कि वो बीज कहीं ब्रांडेड बीज तो नहीं है, जिसका पहले ही रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। किसानों ने कहा है कि वे प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेराइटी एंड फार्मर्स राइट्स अथॉरिटी द्वारा इस केस को उनके पक्ष से लड़ें। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस केस को लडऩे के लिए PPV&FRA नेशनल जीन फंड का इस्तेमाल किया जाए। PPV&FRA के रजिस्ट्रार टीके नागरत्ना ने कहा, “अथॅारिटी ने इस केस का संज्ञान लिया है और वो फिलहाल इसके बारे में संबंधित जानकारी एकत्र कर रही है।”
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किसानों ने पेप्सिको पर जासूसी लगाया आरोप
किसानों की समूह द्वारा PPV&FRA को दिए गए लेटर में लिखा गया है, “ये सभी छोटे किसान हैं, जिनके पास औसतन 3-4 एकड़ की ही जमीन है।” किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि पेप्सिको ने जासूसी एजेंसी की मदद से संभावित खरीदारों के बारे में पता लगाया है और इसका सीक्रेट वीडियो भी बनवाया है। किसानों के खेतों से बिना किसी जानकारी के सैंपल भी लिया है। इसके बाद ही पेप्सिको ने उनपर केस दर्ज कराया है।
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