लोकायुक्त टीआई विजय चौधरी के मुताबिक लोकायुक्त कार्यालय को सूचना मिली थी की वर्ष २०११-१२ में नगर निगम इंदौर के यातायात विभाग द्वारा ठेकेदार आरोपित राजेश पिता भंवरलाल जैन, उनकी पत्नी प्रिया पति राजेश जैन निवासी लोधीपुरा के साथ तत्कालिन निगम कार्यपालन यंत्री व तत्कालिन नगर शिल्पज्ञ यातायात, कार्यपालन यंत्री दिलीप सिंह चौहान व ऑडिटर के साथ कई अन्य लोगों द्वारा भ्रष्टाचार करने की नियत से एक साथ होकर निगम को करीब ६.५ करोड़ की चपत लगाई थी। प्राथमिक जांच में पता चला है की आरोपित राजेश जैन ने अपनी फर्म प्रोपराइटर श्री रजत सेल्स कार्पोरेशन पता लोधीपुरा व उनकी पत्नी प्रिया जैन की फर्म रोचक इंडस्ट्रीज सेल्स कॉर्पोरेशन को निगम के यातायात विभाग ने शहर में मार्ग संकेतक, स्पीड बॉम, रोड स्टट व व्हाइट पटे लगाने का ठेका दिया था। आरोपित जैन दंपती ने निगम के तत्कालिन कार्यपालन यंत्री, ऑडिटर व अन्य ने नियमों का पालन न करते हुए सामाग्री की न केवल शॉर्ट सप्लाय की। यहीं नहीं उनके द्वारा क्रय आदेश अनुरूप सामग्री को लगाया भी नहीं गया। उक्त सामाग्री को नियम के तहत निगम के स्टोर में भी नहीं रखा गया। यहीं नहीं आरोपितों ने माप पुस्तिकाओं की कूट रचना व निर्धारित मात्रा से अधिक सामाग्री के भुगतान की स्वीकृतियां जारी करवा ली। सभी ने साजिश रच निगम की धनराशि का भ्रष्टाचार कर दुरउपयोग किया था। आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है।