बाबा रामदेव ने देश की 40,000 करोड़ रुपये की प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री में कदम रखकर संकेत दे दिया है कि वो बिल्कुल अलग तरह के कारोबार में ताल ठोंकने से भी नहीं हिचकने वाले हैं।
नई दिल्ली: आयुर्वेदिक उत्पादों से लेकर एफएमसीजी सेक्टर तक में धाक जमाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को टक्कर देने वाले योग गुरु रामदेव के लिए वह दिन दूर नहीं जब वह भारत के दिग्गज कारोबारियों को पीछे छोड़ देंगे। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजली का कारोबार जिस तेजी बढ़ रहा है उसके हिसाब से वे टाटा और अंबानी जैसे भारत के शीर्ष कारोबारियों को जल्द ही पछाड़ने वाले हैं। रामदेव ने एक नए क्षेत्र में कारोबार का आगाज किया है। अब वह प्राइवेट सिक्योरिटी सेक्टर में भी उतर चुके हैं। बाबा रामदेव ने देश की 40,000 करोड़ रुपये की प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री में कदम रखकर संकेत दे दिया है कि वो बिल्कुल अलग तरह के कारोबार में ताल ठोंकने से भी नहीं हिचकने वाले हैं। बाबा का ट्रैक रिकॉर्ड भी यही बताता है कि वो दिग्गजों को धूल चटाने का माद्दा रखते हैं।
10 सालों में पतंजलि ने जमाई धाक
पिछले 10 सालों में पतंजली आयुर्वेद एक छोटी सी आयुर्वेदिक फार्मेसी से एक विशालकाय एफएमसीजी सेक्टर में तब्दील हो चुका है। अगर रामदेव की नई कंपनी पराक्रम सुरक्षा प्राइवेट लिमिटेड सफल होती है तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कल को वह दूरसंचार के क्षेत्र में भी कदम रख दें।
पतंजलि ने कई वैश्विक कंपनियों को पीछे छोड़ा
पतंजली के लिए अपार संभावनाएं हैं क्योंकि पांच साल पहले तक सिर्फ आयुर्वेदिक दवाईयां बेचने वाली कंपनी सबसे बड़ा देसी ब्रांड बन चुकी है जो अपने आप में असाधारण है। ग्लोबल रिसर्च फर्म इप्सोस के हालिया सर्वे में पतंजलि को भारत के टॉप-10 प्रभावी ब्रांड्स में चौथा स्थान हासिल हुआ है। पतंजली से आगे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसी दिग्गज वैश्विक कंपनियां ही हैं। कितनी बड़ी बात है कि पतंजलि ने रेंकिंग में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई, सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और अब तहलका मचा रहे रिलायंस जियो के साथ-साथ ई-रिटेलर फ्लिपकार्ट को भी पटखनी दे दी।
पतंजलि के उत्पादों पर लोगों को विश्वास
दरअसल, योग गुरु, आयुर्वेद के प्रवर्तक, धार्मिक गुरु, देश के नागरिकों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाली बड़ी और खासकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों से लोहा लेने वाले एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले की विभिन्न छवियों ने बाबा रामदेव के लिए उनके उत्पादों पर विश्वास करने वाले ग्राहकों की पूरी फौज खड़ी कर दी है। ब्रांड रामदेव के साथ परंपरा, स्वास्थ्य, आध्यात्म, न्याय एवं देशभक्ति के धागे में बंधकर बड़ी संख्या में भरोसेमंद ग्राहक खिंचे चले आते हैं। हिंदी भाषी प्रदेशों में बाबा की अच्छी लोकप्रियता है।
रामदेव ने भारतीयों को दिया स्वदेशी का विकल्प
स्वदेशी की भावना से जुड़े हुए भारत के आम लोगों के बीच बड़ी विदेशी कंपनियों को लेकर अविश्वास की गहरी भावना रही है। महात्मा गांधी के बाद बाबा रामदेव ने भी स्वदेशी का विकल्प दिया है जो विश्वसनीय है और जिसे हाथों-हाथ लिया भी जा रहा है। बाबा रामदेव अगर अलग-अलग क्षेत्रों में व्यापार का विस्तार करते रहे तो दक्षिणपंथी राजनीति की ओर उनका झुकाव एवं उनकी कारोबारी दक्षता देश की प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर बहुत भारी पड़ेगी। राजनीति और व्यापार का घालमेल आज की दुनिया का चलन है। पश्चिमी देशों में शिल्प उत्पादों को मिल रही तरजीह इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि किस तरह ग्राहक अपनी राजनीतिक सोच के अनुकूल खरीदारी भी करते हैं।
कंपनी का मकसद, युवाओं में राष्ट्रवादी भावना का संचार करना- रामदेव
रामदेव ने प्राइवेट सिक्योरिटी को अपना अगला ठिकाना इसलिए नहीं बनाया कि यह मौजूदा दौर का तेजी से बढ़ता बिजनेस है, बल्कि इसलिए क्योंकि यह राष्ट्रवादी भावना का प्रसार करता है। उन्होंने उद्घाटन के वक्त भी कंपनी के पीछे की राष्ट्रवादी भावना का इजहार करने से परहेज नहीं किया। योग गुरु की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कंपनी का मकसद युवाओं में राष्ट्रवादी भावना का संचार करना और प्रशिक्षण प्राप्त करनेवालों में शारीरिक एवं मानसिक विकास के अनुकूल माहौल तैयार करना है। बाबा रामदेव के लिए सुरक्षा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी के ऐलान करने का इससे अच्छा वक्त क्या हो सकता है, जब देश के मीडिया में आतंकवाद और चीन-पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की हरकतों पर रोज चर्चा हो रही हो।
जल्द टाटा, अंबानी बनने की ओर बाबा रामदेव
बाबा रामदेव की एजेंसी में प्रशिक्षित सिक्योरिटी गार्ड जब देशभर में फैलेंगे तो निश्चित तौर पर ये उनके ब्रांड ऐंबेसडर की भूमिका निभाएंगे। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि रामदेव देश में चल रही राष्ट्रवादी लहर की सवारी कर अगले टाटा या अंबानी बनने जा रहे हैं। वह दूसरे धर्म गुरुओं को भी गोवंश आधारित पूंजीवाद का मार्ग दिखाएंगे जहां ग्राहकों को परंपरा, आध्यात्म और देशभक्ति में गुंथे उत्पाद पेश किए जाएंगे।