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RBI ने स्थिर रखीं ब्याज दरें, आगामी बजट पर है राजन की नजर

Published: Feb 02, 2016 05:57:00 pm

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को नई मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को नई मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। राजन ने मुद्रास्फीति जोखिम और वृद्धि संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। अब उम्मीदें वित्त मंत्री अरुण जेटली से हैं। 

रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
आरबीआई ने अनुमानों के अनुरूप रेपो रेट 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिवर्स रेपो रेट भी 5.75 फीसदी पर बरकरार रहेगा। इसके अलावा आरबीआई ने सीआरआर में भी कोई बदलाव नहीं किया है। लिहाजा सीआरआर भी 4 फीसदी पर ही बरकरार रहेगा। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी 7.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। रघुराम राजन की नजर 29 फरवरी को पेश होने वाले बजट पर है। अब आरबीआई की अगली मौद्रिक समीक्षा पांच अप्रैल को होगी।

वित्त वर्ष 2016-17 में 5 फीसदी रहेगी मंहगाई दर
आरबीआई ने जनवरी 2016 तक महंगाई दर 6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2016-2017 के अंत यानी मार्च 2017 तक महंगाई दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं वित्त वर्ष 2016 में 7.4 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है और वित्त वर्ष 2017 में 7.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है। दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई दर -0.73 फीसदी और रिटेल महंगाई दर 5.51 फीसदी रही। ऐसे में अब अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी बजट के बाद ही रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करेगा।

आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के फैसले को लेकर एचडीएफसी के वीसी और सीईओ के की मिस्त्री का कहना है कि उन्हें इस बार कटौती की उम्मीद भी नहीं थी पर इस साल में 0.25-0.50 फीसदी की दरों में कटौती संभव है। इस साल दरों में कटौती पर ज्यादा बड़े रेट कट की उम्मीद नहीं है लेकिन 0.50 फीसदी की कटौती संभव है। अप्रैल-जून तक दरों में कटौती की उम्मीद है।

मार्केट एक्सपर्ट निपुण मेहता के मुताबिक बजट पर बाजार की नजर बनी हुई है और अब निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाना जरुरी है। बाजार की नजर सरकारी योजनाओं पर है। मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया योजनाओं के लागू होने का इंतजार आरबीआई को भी है।
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