भारत के ग्राहक ज्यादा असुरक्षित
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक एक और चौकाने वाला खुलासा सामने आया है । एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लोगों के जमा पैसों की सुरक्षा के मामले में भारत काफी पीछे है। जबकि इस मामले में ब्राजील, अमेरिका, फ्रांस जैसे देश सबसे आगे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक एक और चौकाने वाला खुलासा सामने आया है । एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लोगों के जमा पैसों की सुरक्षा के मामले में भारत काफी पीछे है। जबकि इस मामले में ब्राजील, अमेरिका, फ्रांस जैसे देश सबसे आगे हैं।
क्यों नहीं सुधर रहा बैंकिंग सिस्टम
बैंकों के लिए उनका लगातार बढ़ता एनपीए जी का जंजाल बन चुका है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बैंकों पर कुल 7.34 लाख करोड़ का एनपीए हैं। जिसमें सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 77 फीसदी की है। ऐसा नहीं है कि सरकार और आरबीआई ने बैंकों को एनपीए की मार से निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी ये समस्या बनी हुई है।
बैंकों के लिए उनका लगातार बढ़ता एनपीए जी का जंजाल बन चुका है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बैंकों पर कुल 7.34 लाख करोड़ का एनपीए हैं। जिसमें सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 77 फीसदी की है। ऐसा नहीं है कि सरकार और आरबीआई ने बैंकों को एनपीए की मार से निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी ये समस्या बनी हुई है।
एनपीए की मार से आम आदमी भी त्रस्त
बैंक तो एनपीए की मार से जुझ ही रहे हैं लेकिन इसका खामियाजा भी आम आदमी को भुगतना पर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल बैड लोन में मिडिल क्लास की हिस्सेदारी केवल 19 फीसदी की है। लेकिन एनपीए से निपटने के लिए कई बैंकों ने लोन लेने की शर्तें कड़ी कर दी है। जिसके चलते एक सैलरीपेशा या साधारण कारोबारी को लोन मिलने में पहले के मुकाबले अब ज्यादा दिक्कतें हो रही है।
बैंक तो एनपीए की मार से जुझ ही रहे हैं लेकिन इसका खामियाजा भी आम आदमी को भुगतना पर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल बैड लोन में मिडिल क्लास की हिस्सेदारी केवल 19 फीसदी की है। लेकिन एनपीए से निपटने के लिए कई बैंकों ने लोन लेने की शर्तें कड़ी कर दी है। जिसके चलते एक सैलरीपेशा या साधारण कारोबारी को लोन मिलने में पहले के मुकाबले अब ज्यादा दिक्कतें हो रही है।