परिणाम जानने की रही उत्सुकता
शनिवार सुबह नया समाज कल्याण केंद्र सारनी में सुबह १० बजे मतगणना शुरु हुई। चुनाव परिणाम जानने के लिए सुबह से ही नगरवासियों में उतसुकता देखी गई। मतगणना स्थल पर प्रत्याशी के साथ एक मतगणना एजेंट मौजूद रहे। वहीं बाहर बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक मौजूद रहे।
शनिवार सुबह नया समाज कल्याण केंद्र सारनी में सुबह १० बजे मतगणना शुरु हुई। चुनाव परिणाम जानने के लिए सुबह से ही नगरवासियों में उतसुकता देखी गई। मतगणना स्थल पर प्रत्याशी के साथ एक मतगणना एजेंट मौजूद रहे। वहीं बाहर बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक मौजूद रहे।
निकाला वियजी जुलूस
भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने प्रत्याशी की जीत पर विजयी जुलूस निकाला। प्रत्याशी के साथ शहरभर में जुलूस निकाला गया। इस दौरान प्रत्याशी का जगह-जगह फूल मालाओं से स्वागत किया गया। 17 जनवरी को हुआ था मतदान
17 जनवरी को कांग्रेस, भाजपा और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी प्रत्याशियों के लिए दो मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था। वार्ड नंबर 15 में कुल 1488 मतदाता हैं। जिनमें से 965 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग पार्षद पद के उम्मीदवार के लिए किया है। उपचुनाव में 64.85 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकारी का प्रयोग किया था।
इनके बीच था मुकाबला
उपचुनाव में भाजपा से संगीता दवंडे, कांग्रेस से अविनाश सिंदूर और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी से देवीराम खादीकर मैदान में थे। इनमें से संगीता दवंडे वार्ड की पूर्व पार्षद हैं। इनके पति के निधन से पद रिक्त हुआ था।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने प्रत्याशी की जीत पर विजयी जुलूस निकाला। प्रत्याशी के साथ शहरभर में जुलूस निकाला गया। इस दौरान प्रत्याशी का जगह-जगह फूल मालाओं से स्वागत किया गया। 17 जनवरी को हुआ था मतदान
17 जनवरी को कांग्रेस, भाजपा और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी प्रत्याशियों के लिए दो मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था। वार्ड नंबर 15 में कुल 1488 मतदाता हैं। जिनमें से 965 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग पार्षद पद के उम्मीदवार के लिए किया है। उपचुनाव में 64.85 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकारी का प्रयोग किया था।
इनके बीच था मुकाबला
उपचुनाव में भाजपा से संगीता दवंडे, कांग्रेस से अविनाश सिंदूर और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी से देवीराम खादीकर मैदान में थे। इनमें से संगीता दवंडे वार्ड की पूर्व पार्षद हैं। इनके पति के निधन से पद रिक्त हुआ था।
ऐसे हुआ था मतदान
उपचुनाव के लिए १७ जनवरी को तीन दल गठित किए थे। इसमें एक दल रिजर्व रहा था। वहीं पांच ईवीएम मशीन वोटिंग के लिए निर्धारित की गई थी। दो मशीन से चुनाव हुए। दो रिजर्व रही थी।
एक ही जगह बैठे थे दोनों दल के नेता
उपचुनाव के प्रचार-प्रसार तक जहां भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे से दूरियां बनाते रहे। वहीं वोटिंग के समय दोनों दल के नेता एक ही स्थान पर बैठे दिखे।
उपचुनाव के लिए १७ जनवरी को तीन दल गठित किए थे। इसमें एक दल रिजर्व रहा था। वहीं पांच ईवीएम मशीन वोटिंग के लिए निर्धारित की गई थी। दो मशीन से चुनाव हुए। दो रिजर्व रही थी।
एक ही जगह बैठे थे दोनों दल के नेता
उपचुनाव के प्रचार-प्रसार तक जहां भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे से दूरियां बनाते रहे। वहीं वोटिंग के समय दोनों दल के नेता एक ही स्थान पर बैठे दिखे।