अब भारत भी कुछ ऐसा ही कर सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड चीन से हैंड सैनिटाइजर और मास्क जैसे जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट मंगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी ने एयर इंडिया से 10 चार्टेड प्लेन्स की मांग की है। कई और कंपनियां भी चीन से मेडिकल इक्विपमेंट मंगाने की तैयारी कर रही हैं और वे इसके लिए नागर विमानन मंत्रालय से बातचीत में लगी हैं।
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चीन से मास्क मंगाना कितना सही-
सवाल यहां पर यह भी है कि क्या चीन से इन चीजों का आयात करना सही फैसला होगा। दरअसल चीन ने ज्यादातर फेसमास्क और बाकी चीजें अमेरिका और यूरोपियन देशों से मंगाई थी लेकिन अब जबकि चीन बाकी देशों को अपने यहां उत्पादित सामान निर्यात कर रहा है तो उस पर घटिया क्वालिटी का सामान बेचने के आरोप लग रहे हैं।
दरअसल, यूरोपियन यूनियन ने मंगलवार को खराब क्वॉलिटी के चीनी मास्क और टेस्ट किट को लेकर शिकायत की। इसके बाद चीन के वॉणिज्य मंत्रालय ने भरोसा दिया कि वो मास्क को तय स्टैंडर्ड के मताबिक ही बनाएंगे।
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चीन ही है एक मात्र सहारा-
फिलहाल सभी बड़े देश मास्क और मेडिकल इक्विपमेंट्स की कमी से जूझ रहे हैं । ऐसे में चीन ही एक बड़ा सप्लायर नजर आ रहा है। चीन की ओर से अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों को मास्क की सप्लाई की जा रही है। व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि अगले एक हफ्ते में वो 22 कार्गो प्लेन के जरिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट को एयरलिफ्ट करेंगे। यहां तक कि फ्रांस के पास भी चीन से खरीदे हुए मास्क का एक बड़ा स्टॉक है।
गौरतलब है कि अरबपति मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोरोना के लिए पीएम केअर्स फंड ( pm cares fund) को 500 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। कंपनी ने मुंबई में 100-बेड वाले डेडीकेटेड कोरोना हॉस्पिटल और हर दिन 1 लाख फेस मास्क, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से जरूरतमंदों को 50 लाख पैकेट मुफ्त भोजन और COVID-19 रोगियों को ले जाने वाले आपातकालीन वाहनों को ईंधन मुहैया कराने का काम करने की बात कही है।