दावे के मुताबिक इस वेबसाइट पर यूजर्स की पूरी डिटेल ऑनलाइन पोस्ट कर दी गई थी, हालांकि रिपोर्ट सामने आने के बाद यह वेबसाइट ओपन नहीं हो रही है। दूसरी ओर जियो ने इसे खारिज कर दिया है। गो डैडी के नाम से रजिस्टर्ड थी हैकिंग का दावा करने वाली कंपनी पहले।
ये दी कंपनी ने सफाई हमें वेबसाइट के दावों के बारे में पता चला है। हम इसकी जांच कर रहे हैं। पहली नजर में वेबसाइट का डाटा अविश्वसनीय लगता है। हम अपने ग्राहकों को विश्वास दिलाते हैं कि उनका डाटा पूरी तरह सेफ और कड़ी सुरक्षा में है। डाटा को केवल प्रशासन के साथ शेयर किया जाता है।
जियो प्रवक्ता क्यों हमारे लिए है चिंता की बात आधार की सुरक्षा जियो के सारे नम्बर आधार पर लिए गए हैं। अगर लीक की बात सच है तो आधार की सुरक्षा पर उठेंगे सवाल। क्या बायोमेट्रिक और अन्य जानकारियां भी हुई हैं लीक?
सबसे बड़ी हैकिंग जियो के 12 करोड़ ग्राहक हैं। अबतक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि कितने नम्बरों की जानकारी लीक हुई है। हो सकती है देश की सबसे बड़ी हैकिंग की घटना।
बढ़ेगी फिशिंग इन लीक सूचनाओं का उपयोग हैकरों के काम आ सकता है। देश में फिशिंग, स्पैम और हैकिंग की घटनाएं बढ़ेंगी। बेची जा सकती हैं ये जानकारियां। ये जानकारियां हुईं लीक
वेबसाइट, यूजर्स का फस्र्ट नेम, लास्ट नेम, ई-मेल आई डी, मोबाइल नंबर, सिम कार्ड का एक्टिवेशन डेट जैसी डिटेल्स पब्लिक में जारी कर रही थी। कभी जानकारियों दिख रहीं थीं तो कभी नहीं। फिलहाल वेबसाइट को होस्टिंग पेज से हटा दिया गया है। अब होम पेज खोलने पर ‘रिसोर्स लिमिट हेज बीन रीचड’ मैसेज दिखाई देता है। वहीं डोमेन के मालिक की कोई डिटेल नहीं दिख रही है।