
बिल्डर निकाल रहे थे कानून से बचने की गली रेरा ने इस ऑर्डर में एक और बात साफ कर दी है कि बिल्डर का रेरा पंजीकरण इस बात पर तय होगा कि वो कितने फ्लैट्स की मार्केटिंग कर रहा, कितने बुक कर रहा है, न कि इस बात पर तय होगा कि उसने नक्शे में कितने फ्लैट बनाने की अनुमति ली है।
कुछ शिकायतें मिली थीं कि कुछ बिल्डर 500 वर्ग फीट से छोटे एक से अधिक प्लॉट को मिलाकर एक प्रोजेक्ट बना रहे थे और उन्हें रेरा में पंजीकृत नहीं करा रहे थे। इसमें स्पष्टता लाने के लिए इस ऑफिस ऑर्डर को लाया गया है। कानून में पहले से यही है, लेकिन कुछ बिल्डर बचने की गली निकाल रहे थे।
रमेश चंद्र शर्मा, रजिस्ट्रार , रेरा
एक्सपर्ट ने किया स्वागत
रेरा का यह ऑर्डर एक स्वागत योग्य कदम है। रेरा के इस ऑर्डर से नियमन में पारदर्शिता बढ़ेगी। ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत होंगे। ज्यादा से ज्यादा लोग रेरा का लाभ उठा सकेंगे। रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी।
पवन गुप्ता, रेरा मामलों के अधिवक्ता
मनमानी व्याख्या से मिलेगी छूट इस ऑफिस ऑर्डर की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि बिल्डर कानून की मनमानी व्याख्या कर रहे थे, जो कि दरअसल कानून में है ही नहीं।
संजय घिया, संपादक, रेरा टाइम्स