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SBI BILL: संसद से पांच बैंकों के विलय को मंजूरी, Top -50 फेहरिस्त में हुआ शामिल

आज यानि गुरुवार को स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के मर्जर को लोकसभा के बाद राज्यसभा से मंजूरी मिल गर्इ, जिसके बाद बैंक दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों में शामिल हो गया।

Jul 20, 2018 / 09:41 am

Saurabh Sharma

एसबीआर्इ मर्जर को संसद में मंजूरी आैर बन गया रिकाॅर्ड, इस फेहरिस्त में शामिल हुआ बैंक

नर्इ दिल्ली। स्टेट बैंक आॅफ इंडिया में पांच बैंकों मर्जर को लोकसभा के बाद राज्यसभा से मंजूरी मिल जाने के बाद इतिहास रच दिया है। अब एसबीआर्इ दुनिया के उन 50 बैंकों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास सबसे ज्यादा संपत्ति है। आपको बता दें कि एसबीआर्इ देश का सबसे बड़ा बैंक हैं। जिसका कस्टमर बेस करीब 37 करोड़ के आसपास है। आपको बता दें कि एसबीआर्इ में स्टेट बैंकों के पांच बैंकों के एसबीआर्इ के शामिल होने से संपत्ति आैर कस्टमर बेस काफी बढ़ गया था।

ध्वनिमत से पारित हुआ विधेयक
एसबीआई में मर्जर से संबंधित विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने पेश किया। लंबी बहस के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। वास्तव में मर्जर से पहले इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि इससे कर्इ कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। इस प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने साफ कर दिया है कि विलय के बाद किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं हुर्इ है।

लोकसभा में पहले ही बिल हो चुका है पास
इससे पहले लोकसभा इस विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है। विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के जयराम रमेश सहित कुछ सदस्यों ने एसबीआई के निजीकरण को लेकर आशंका भी जताई थी। कई सदस्यों ने बैंकों के नियमन एवं निगरानी प्रणाली को दुरुस्त बनाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में एसबीआई को हुए घाटे पर चिंता जताते हुए कहा कि एसबीआई भारत का पांचवां सबसे बड़ा नियोक्ता है जो वर्तमान में 2 लाख 70 हजार लोगों को नौकरी दे रहा है। उन्होंने कहा कि विलय के बाद कर्मचारियों की छंटनी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या एसबीआई का निजीकरण करना और सरकारी बैंकों का गैर राजनीतिकरण करना उसके एजेंडे में है?

सरकार का जवाब
राज्यसभा से भी विधेयक को मंजूरी मिलने से अब SBI में स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ़ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद पूरी तरीक़े से शामिल हो जाएंगे। सरकार के अनुसार इस विलय से इन बैंकों की लागत में न सिर्फ कमी आएगी, बल्कि संसाधनों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा। देश भर में एसबीआई की ब्रांच नेटवर्क 24,000 से ज्यादा हैं। बैंक के एटीएम की संख्या 60 हजार के करीब है।

 

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