भारती मित्तल ने अमरीका के संरक्षणवादी नीति पर विरोध जताते हुए कहा कि भारत के आईटी पेशेवरों के लिए वीजा नियम को कड़ा करना उचित नहीं है। क्योंकि एक ये विदेशी कंपनियां अपने यहां देश के आईटी प्रोफेशनल्स के खिलाफ रोक लगाती है तो वहीं दूसरी ओर हमारे देश से मोटा मुनाफा कमाती है।
द इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मित्तल ने कहा कि उन्हें अमरीका की इस संरक्षणवादी नीति से ज्यादा परेशानी नहीं है। क्योंकि उनका अधिक से अधिक व्यापार हमारे देश में ही है। वीजा नियमों पर विरोध जताते हुए मित्तल ने कहा कि ये विदेशी कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ा रही है। ऐसे देश के पेशेवरों को रोकना जायज नहीं है।
अपनी बात रखते हुए भारती मित्तल ने कहा कि भारतीय कंपनियों को एक खास पैकेज देने के बाध्य करना ठीक नहीं है। ऐसे में वह प्रतियोगिता की दौड़ से बाहर हो जाएंगी। जो कि गलत है। उनका कहना कि विदेशी टेक कंपनियां गूगल, फेसबुक और व्हाट्सअप के करोड़ों एप भारत में इस्तेमाल किए जाते हैं। तो वहीं हमारे देश ने भी कई एप्प का विकास कर लिया है। ऐसे क्या हमें इन कंपनियों को देश में इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए।
मित्तल का कहना कि भारत में फेसबुक के 20 करोड़, व्हाट्सएप के 15 करोड़ इसके अलावा गूगल के 10 करोड़ ग्राहक हैं। वहीं भारत ने अपना खुद एप विकसीत कर लिया है। तो क्या ऐसी स्थिति में इन कंपिनयों पर रोक लगा देनी चाहिए। गौरतलब है कि भारती मित्तल देश में मोबाईल क्रांति लाने वालों में एक के रुप में जाने जाते हैं।