साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) के 2016 के कंपनशेटरी टैरिफ बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया। न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष और न्यायाधीश रोहिंटन एफ नरीमन की पीठ में सीईआरसी के 2016 के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की गई।
आदेश के बाद लुढ़के कंपनियों के शेयर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोनों कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई। टाटा पावर का शेयर खबर के बाद करीब 4 फीसदी तक लुढ़क गया जबकि अडानी पावर का शेयर 16 प्रतिशत तक टूट गया।
कोयला महंगा होने का दिया तर्क केंद्रीय बिजली नियामक आयोग में टाटा और अडानी पावर ने दलील दी थी कि इंडोनेशिया ने नए नियमों के तहत कोयले के दाम बढ़ा दिए। जिसकी वजह से खर्च बढ़ गया है, इसलिए वे बिजली टैरिफ बढ़ाना चाहते हैं। कंपनियों ने यही तर्क सुप्रीम कोर्ट में भी दिया।
कोर्ट- कानून सम्मत लाभ ही दे सकते हैं कोर्ट ने सीईआरसी के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि हम केवल वही लाभ दे सकते हैं जो भारतीय कानून से संबंधित है। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) ने टाटा और अङानी को बिजली की दरें बढ़ाने की मंजूरी दी थी। टाटा पावर और अडानी पावर इन 5 राज्यों में 8620 मेगावाट बिजली सप्लाई करती हैं।