दरअसल उत्तराधिकारी नहीं मिलने के कारण भारत की सबसे बड़ी बोतलबंद पानी की कंपनी बिसलेरी बिकने जा रही है। बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान 82 वर्ष के हो चुके हैं। उनका स्वास्थ्य अब साथ नहीं दे रहा है। दूसरी ओर उनकी बेटी जयंती कारोबार को संभालने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ऐसे में रमेश चौहान ने कंपनी को बेचने का फैसला लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) को अनुमानित 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये में बेच रहे हैं। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में इस डील के बारे में जानकारी दी गई है। 82 वर्षीय चौहान का हाल के दिनों में खराब स्वास्थ्य रहा है और उनका कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है।
चौहान ने कहा कि बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती। टाटा ग्रुप ‘इसका और भी बेहतर तरीके से पालन पोषण और देखभाल करेगा। हालांकि रमेश चौहान ने कहा कि बिसलेरी को बेचना अभी भी एक पेनफूल डिसिशन था। बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने आगे बताया कि कंपनी को बेचने से मिलने वाले 7000 करोड़ रुपए को चैरिटी में देंगे।
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने न्यूज एजेंसी PTI बात की। इस बातचीत में चौहान ने कहा कि वह अपने पैकेज्ड पानी के कारोबार के लिए एक खरीदार की तलाश कर रहे हैं और टाटा कंज्यूमर सहित कई प्लेयर्स से बात कर रहे हैं। टाटा के साथ 7,000 करोड़ की डील अभी फाइनल नहीं हुई है।
कहा जाता है कि रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित बिसलेरी के पास अलग-अलग समय में कई दावेदार थे। टाटा के साथ बातचीत दो साल से चल रही थी और उन्होंने कुछ महीने पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद अपना मन बना लिया था। उन्होंने ईटी को बताया, “मुझे वे पसंद हैं। वे अच्छे लोग हैं।”
बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने कहा कि वह बिसलेरी में माइनोरिटी स्टेक भी नहीं रखेंगे। चौहान ने कहा कि बिजनेस को बेचने के बाद उन्हें कंपनी में माइनोरिटी स्टेक होल्ड करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। उन्होंने बताया कि बोतलबंद पानी के कारोबार से बाहर निकलने के बाद, वह वाटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग जैसे पर्यावरण और चैरिटी से जुड़े कामों में फोकस करना चाहते हैं।
बता दें कि मुंबई के रहने वाले रमेश चौहान ने 27 साल की उम्र में भारतीय बाजार में बोतलबंद मिनरल वाटर पेश किया था। जो बाद में धीरे-धीरे देश की सबसे बड़ी पैकज्ड वाटर कंपनी बनी। रमेश चौहान की बेटी जयंती अभी बिसलेरी में वाइस चेयरपर्सन है। इसके साथ-साथ उन्हें फोटोग्राफी और ट्रैवलिंग का भी शौक है।
स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद जयंती ने लॉस एंजिल्स के फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग (FIDM) में एडमिशन ले लिया। फिर उन्होंने इस्टिटूटो मारंगोनी मिलानो में फैशन स्टाइलिंग को सीखा। फिर उन्होंने लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से फैशन स्टाइलिंग और फोटोग्राफी भी सीखी है।