आज यानी 1 अप्रैल 2019 से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है, जिसके बाद टैक्स और इन्वेस्टमेंट से जुड़े कई नियमों में बदलाव हुए हैं, जिनका ध्यान नए फाइनेंशियल ईयर में रखना है, नहीं तो इसका फायदा लेने में चूक हो सकती है या आपका नुकसान हो सकता है। इस साल बजट में कई नई घोषणाएं की गई थी, जिनको आज से लागू कर दिया गया है। आइए जानते हैं ऐसे टैक्स के नियम जो 1 अप्रैल 2019 से लागू हुईं...
TDS की सीमा बढ़कर 40 हजार हुई - ब्याज से होने वाली आय पर TDS की लिमिट सालाना 10 हजार रुपए से बढ़कर 40 हजार रुपए हो गई है। इससे आम लोगों को बैंक व डाकघरों की स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर फायदा होगा। अभी तक सिर्फ 10 हजार रुपए सालाना तक की ब्याज आय पर कटे टैक्स का रिफंड मांग सकते थे।
5 लाख तक की आय टैक्स फ्री - अंतरिम बजट में की गई घोषणा के मुताबिक 5 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि 5 लाख रुपए तक की आय वालों को पहले की तरह ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी होगी। इनकम टैक्स में मिलने वाली रिबेट को 2,500 से बढ़ाकर 12,500 कर दिया गया है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़कर 50 हजार रुपए - आज से इनकम टैक्स में मिलने वाला स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपए से बढ़कर 50,000 रुपए हो गया। इनकम टैक्स कैल्कुलेट करते वक्त कमाई गई रकम में से स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम को घटा दिया जाता है।
दूसरे मकान के नोशनल रेंट पर कोई टैक्स नहीं - केंद्र सरकार की अंतरिम बजट की घोषणा के मुताबिक, अगर आपके पास दो घर हैं और दूसरा घर खाली है, तो उसे भी सेल्फ-ऑक्युपाइड (अपने ही अंदर) ही माना जाएगा और आपको नोशनल रेंट (काल्पनिक किराये) पर टैक्स नहीं देना होगा।