अबतक किसान अपने नाम के खेत के साथ साथ पुरखों के नाम के खेत के भू स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) निकालकर इसका फायदा ले रहे थे, वो अब ऐसा नही कर पाएंगे। दरअसल, कृषि भूमि का अपने नाम पर नामांतरण ना कराने वाले किसानों की लिस्ट काफी लंबी है। अब इस योजना का लाभ पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे नए आवेदकों को आवेदन फॉर्म में अपनी जमीन के प्लाट नंबर का भी जिक्र करना होगा। ऐसे किसान परिवार जिनके पास संयुक्त रूप से खेती की जमीन है, उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि इस नए नियम के मुताबिक किसान के अपने नाम की जमान होना काफी जरूरी है। किसानों को अब अपने हिस्से की जमीन अपने नाम पर करानी होगी, तभी वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
इतना ही नही बदले गए नियमों के अनुसार यदि कोई किसान किसी दूसरे किसान की जमीन को किराए पर लेकर खेती करता है, तो भी उसे भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। पीएम किसान में लैंड की ओनरशिप जरूरी है। अगर कोई किसान या परिवार में कोई संवैधानिक पद पर है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा। 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।