माल्या का केस लड़ रही है मॉन्टगोमरी हाल ही में जब माल्या के केस पर जो सुनवाई हुई थी। जब मॉन्टगोमरी ने माल्या का पक्ष रखते हुए कहा था की भारत सरकार के पास ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं है जिससे ये साबित हो सके की माल्या ने सरकार के साथ धोखाधड़ी की हैं। माल्या के बिजनेस में नुकसान हुआ वो इस बात को स्वीकार करते हैं। बिजनेस में नुकसान होने के कारण ही माल्या ने लोन लिया था। जिसे चुकाने की इच्छा कई बार वो जाता चुके हैं। मॉन्टगोमरी माल्या को बचाने की हर मुमकिन कोशिश में लगी हुई हैं। कोर्ट अगली सुनवाई तक के लिए टाल दी गई हैं। अगली सुनवाई 12 सितंबर को होनी हैं।
दूसरी चार्जशीट फाइल करने को तैयार सीबीआई ईडी ने 2017 में माल्या के खिलाफ लंदन में पहली चार्जशीट फाइल की थी जो 9,000 करोड़ रुपये के IDBI-किंगफिशर बैंक लोन फ्रॉड केस से जुड़ी थी। अब सीबीआई माल्या के खिलाफ एक और चार्जशीट फाइल करने की तैयारी कर रही है। अगस्त 2016 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की शिकायत पर जांच एजेंसी ने माल्या के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। यह चार्जशीट उसी सिलसिले में फाइल की जाएगी। एसबीआई ने माल्या पर 1,600 करोड़ रुपये के लोन री-पेमेंट में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।
मॉन्टगोमरी ने आरोपो का किया खंडन माल्या की वकील मॉन्टगोमरी पहले ही कोर्ट में माल्या पर लगे इन सारे आरोपो का आरोपों का खंडन कर चूकी हैं। मॉन्टगोमरी मजबूती के साथ कोर्ट में माल्या पा पक्ष रख चुकी हैं और माल्या को बेल भी दिला चुकी हैं। ऐसे में माल्या को वापस लाना भारत सरकार के लिए आसान नहीं होने वाला हैं। बैरिस्टर क्लेयर मॉन्टगोमरी को प्रत्यर्पण और इंटरनेशन क्रिमिनल लॉ का तगड़ा अनुभव है।