4.2 प्रतिशत ज्यादा जमा हुई राशि
बता दें कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी तब इन नोटों का कुल मूल्य 15.4 लाख करोड़ रुपये था। उस समय प्रचलन में रहने वाले कुल नोट में इस मूल्य वर्ग के नोटों का 86.9 प्रतिशत हिस्सा था। नोटबंदी को सरकार का कालाधन, नकली मुद्रा और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम माना गया है। शोध पत्र में लिखा है कि नोटबंदी की अवधि (11 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016) के दौरान बैंकिंग तंत्र में अतिरिक्त नकद जमा में वृद्धि 4 से 4.7 प्रतिशत के बीच रही है। यदि इसमें फरवरी मध्य 2017 तक की अवधि को शामिल कर लिया जाए तो यह वृद्धि 3.3 से 4.2 प्रतिशत के दायरे में रही है। दस्तावेज के मुताबिक, नोटबंदी के समय में सकल जमा में सालाना आधार पर 14.5 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। जबकि एक साल पहले इसी अवधि (11 नवंबर से 30 दिसंबर ,2015 के दौरान) इसमें 10.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। आरबीआई के शोध पत्र में कहा गया कि कुल मिलाकर, नोटबंदी के दौरान बैंक जमा में काफी वृद्धि हुई है। यदि यग स्थिति बनी रहती है, तो इसका वित्तीय बचत और पूंजी बाजार में इसके इस्तेमाल की दिशा में सकारात्मक प्रभाव होगा। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी और मजबूत हो जाएगी व भारत का बेहतर विकास होगा।
बता दें कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी तब इन नोटों का कुल मूल्य 15.4 लाख करोड़ रुपये था। उस समय प्रचलन में रहने वाले कुल नोट में इस मूल्य वर्ग के नोटों का 86.9 प्रतिशत हिस्सा था। नोटबंदी को सरकार का कालाधन, नकली मुद्रा और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम माना गया है। शोध पत्र में लिखा है कि नोटबंदी की अवधि (11 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016) के दौरान बैंकिंग तंत्र में अतिरिक्त नकद जमा में वृद्धि 4 से 4.7 प्रतिशत के बीच रही है। यदि इसमें फरवरी मध्य 2017 तक की अवधि को शामिल कर लिया जाए तो यह वृद्धि 3.3 से 4.2 प्रतिशत के दायरे में रही है। दस्तावेज के मुताबिक, नोटबंदी के समय में सकल जमा में सालाना आधार पर 14.5 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। जबकि एक साल पहले इसी अवधि (11 नवंबर से 30 दिसंबर ,2015 के दौरान) इसमें 10.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। आरबीआई के शोध पत्र में कहा गया कि कुल मिलाकर, नोटबंदी के दौरान बैंक जमा में काफी वृद्धि हुई है। यदि यग स्थिति बनी रहती है, तो इसका वित्तीय बचत और पूंजी बाजार में इसके इस्तेमाल की दिशा में सकारात्मक प्रभाव होगा। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी और मजबूत हो जाएगी व भारत का बेहतर विकास होगा।