PAN कार्ड आवेदन के लिए सिर्फ मां का नाम लिखना पर्याप्त
साल 2018 में आयकर विभाग ने स्थायी खाता संख्या (पैन) आवेदन में आवेदक के पिता-माता के अलग होने की स्थिति में पिता का नाम देने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। आयकर विभाग ने एक अधिसूचना के जरिए आयकर नियमों में संशोधन किया था, जिसके अनुसार आवेदन फॉर्म में ऐसा विकल्प आया जिसमें आवेदक को माता-पिता के अलग होने की स्थिति में मां का नाम देने की अनुमति दी गई। ये नियम पांच दिसंबर से लागू हुआ था।
ट्रांसजेंडर्स को मिला उनका हक
इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा पैन कार्ड के नियमों में किए गए बदलाव में सबसे प्रमुख है कि सरकार ने ट्रांसजेंडर्स को उनका हक दिया। पैन कार्ड ऐप्लीकेशन फॉर्म में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से कॉलम बनाया गया। इसके मद्देनजर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स कानून की धारा 139ए और 295 के तहत नोटिफिकेशन भी जारी की थी। सरकार ने इनकम टैक्स नियमों में संशोधन करते हुए ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग कॉलम बनाया था। ट्रांसजेंडर्स की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पैन कार्ड फॉर्म में उनके लिए स्वतंत्र जेंडर का कॉलम लाया गया। दरअसल ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लोगों को पैन कार्ड बनवाने में काफी दिक्कत उठानी पड़ती थी और यह समस्या और गहरा गई थी। इसलिए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया।
4 घंटे में तैयार हो जएगा पैन कार्ड
इसके साथ ही अब सिर्फ 4 घंटे में पैन कार्ड तैयार हो जाएगा। इसके लिए टैक्स विभाग सुधार के कई उपाय करने जा रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने एक कार्यक्रम में कहा कि टैक्स विभाग ने कई क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी में सुधार और ऑटोमेशन के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चार घंटे में पैन जारी करने की सुविधा एक साल के अंदर शुरू हो जाएगी।
2.5 लाख रुपए से ज्यादा ट्रांजेक्शन करने पर बनवाना होगा पैन
किसी एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपए या इससे ज्यादा ट्रांजेक्शन करने वाली संस्था के लिए पैन बनवाना जरूरी बना दिया गया है। इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 139 ए में इसका संशोधन किया गया। ऐसी एंटिटीज को अगले वित्त वर्ष की 31 मई तक पैन के लिए आवेदन करना होगा। इस कदम से आयकर विभाग को फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर नजर रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा करदाताओं का दायरा बढ़ाने और टैक्स चोरी रोकने में भी सहायता मिलेगी।
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