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सरकार के इस फैसले से लगेगा तगड़ा झटका, 1 जून से महंगी हो जाएगी कार-बाइक की खरीदारी

locationनई दिल्लीPublished: May 30, 2022 08:11:37 am

Submitted by:

Ashwin Tiwary

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस (Third-Party Insurance) स्वयं के नुकसान के अलावा अन्य चीजों को कवर करता है और यह सभी कारों के लिए अनिवार्य है। यह सड़क दुर्घटना की स्थिति में किसी तीसरे पक्ष को होने वाली संपार्श्विक क्षति को कवर करता है।

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प्रतिकात्मक तस्वीर: Car Insurance

आम आदमी पहले से ही महंगाई की चाबुक झेल रहा है, पेट्रोल-डीज़ल और यहां तक की CNG की आसमान छूती कीमतों ने कार खरीदारों के पसीने छुड़ा रखे हैं। ऐसे में वाहन मालिकों को एक और तगड़ा झटका लगने वाला है। 1 जून, 2022 से, बीमाकर्ताओं के लिए पोर्टफोलियो बेहद लाभदायक होने के बावजूद, केंद्र सरकार द्वारा मोटर थर्ड-पार्टी देयता बीमा प्रीमियम को बढ़ाने जा रही है। इसका सीधा असर वाहन मालिकों की जेब पर पड़ेगा जिससे न केवल नए वाहन की खरीदारी महंगी होगी बल्कि इसका असर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस लेने वाले मौजूदा ग्राहकों पर भी देखने को मिलेगा।


ऐसा नहीं है कि सरकार के इस फैसले का असर केवल पारंपरिक फ़्यूल (पेट्रोल-डीजल या सीएनजी) से चलने वाले वाहनों पर पड़ेगा। बल्कि, केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बेस प्रीमियम पर 15 प्रतिशत की छूट को भी वापस ले लिया है, शायद हाल के दिनों में ईवी में आग लगने के कारण या बिना किसी बुनियादी दावों के अनुभव डेटा के कारण ये फैसला लिया गया है। मजे की बात यह है कि नई कारों के लिए तीन साल का थर्ड पार्टी प्रीमियम और वाहन खरीदते समय पांच साल के दोपहिया प्रीमियम का भुगतान एक साल की नवीनीकरण (Renewwal) पॉलिसी से ज्यादा है।

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हालांकि, भारत में कार खरीदारी हमेशा से एक महंगा प्रस्ताव रही है। सरकारी करों से लेकर डीलर मार्कअप तक कई ऐसे कारक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तो क्या इतनी ऊंची कीमतों का कोई अंत है? जाहिर तौर पर नहीं, क्योंकि सरकार ने थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम के संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी की है। आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि अगले महीने से आपके पसंदीदा वाहन कैसे और कितने महंगे हो जाएंगे।


थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस क्यों है जरूरी:

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक अधिसूचना जारी किया है कि वह थर्ड-पार्टी बीमा प्रीमियम में वृद्धि करेगा। यह बदलाव विभिन्न कैटेगरी के वाहनों पर 1 जून से लागू होगा। दरअसल, थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस, स्वयं के नुकसान के अलावा अन्य चीजों को कवर करता है और यह सभी कारों के लिए अनिवार्य है। यह सड़क दुर्घटना की स्थिति में किसी तीसरे पक्ष को होने वाली संपार्श्विक क्षति को कवर करता है।

जेब पर कितना बढ़ेगा बोझ:

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस की संशोधित दरें इंजन क्षमता के अनुसार हैं। 1000cc की इंजन क्षमता वाली निजी कारों को साल 2020 की तुलना में 2,072 रुपये के बजाय 2,094 रुपये का बीमा प्रीमियम देना होगा। वहीं 1000cc से 1500cc श्रेणी में, कारों का प्रीमियम 3,221 से बढ़कर 3,416 रुपये होगा। इसके अलावा 1,500cc से ऊपर की कारों का प्रीमियम 7,897 रुपये होगा। 150cc से अधिक लेकिन 350cc से कम इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों का प्रीमियम 1,366 रुपये है, और 350cc से अधिक के लिए प्रीमियम 2,804 रुपये तय किया गया है।


हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों पर नई दरें:

देश के इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की संख्या और डिमांड तेजी से बढ़ रही और सरकार भी इस दिशा में ऐसे वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयासरत है। हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सरकार उन्हें कुछ रियायतें दे रही है। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार 7.5% की छूट दे रही है। ऐसे में 30kW तक की क्षमता के इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रीमियम 1,780 रुपये होगा, और 30kW से अधिक लेकिन 65kW से कम के इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रीमियम 2,904 रुपये का होगा।

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