ये भी पढ़ें- फॉर्च्यूनर और एंडेवर को धूल चटाने आ रही है TATA की ये ‘देसी’ SUV! स्टाइल और फीचर्स में नहीं कोई मुकाबला कार और बाइक पर नंबर के लिए अलग-अलग कीमत चुकानी होती है। जब भी कोई ग्राहक शोरूम पर वाहन खरीदने जाता है तो उसके लिए आरटीओ द्वारा कोई भी नंबर दे दिया जाता है। जो लोग अपनी पसंद के हिसाब से नंबर लेना चाहते हैं वो लोग अपने राज्य के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में जाकर नंबर के लिए अप्लाई कर सकते हैं और सभी नंबर्स की कीमत अलग-अलग होती है।
ये भी पढ़ें- आपकी बाइक का माइलेज डबल कर देगा ये सस्ता डिवाइस, घर बैठे खुद कर लेंगे इंस्टॉल अगर आप अपनी पसंद के हिसाब से नंबर लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको parivahan.gov.in साइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा। बाद में वीआईपी नंबर्स की बोली लगाई जाएगी और नंबर खरीदे जाएंगे। इस साइट पर सिर्फ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, दादर और नगर हवेली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, पंजाब और झारखंड जैसे राज्य ही मौजूद हैं।
गाड़ी का नंबर जितना ज्यादा अलग होगा उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा चुकानी होगी। नंबर की कीमत 5 हजार रुपये से लेकर कई लाखों रुपये तक हो सकती है। प्रत्येक राज्य के हिसाब से नंबर की कीमत कम या ज्यादा हो सकती है। उत्तर प्रदेश में अगर 0001 नंबर की कीमत 2 लाख रुपये है तो दिल्ली में इसकी कीमत ज्यादा भी हो सकती है।
कई बार नंबर की कीमत बहुत ज्यादा भी हो जाती है। जैसे अगर एक नंबर के लिए अधिक लोगों ने अप्लाई किया है तो ऐसे में नीलामी के जरिए ही नंबर बेचा जाता है और जो ज्यादा कीमत चुकाता है उसको नंबर बेच दिया जाता है।