लोगों का मानना है, कि कंपनी अपने इंटरनल लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सकी और यह एक बड़ी वजह है, जिसके चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की लॉन्च के प्लान को कैंसिल किया गया है। ध्यान दें, कि फोर्ड इंडिया साणंद, गुजरात और चेन्नई में मौजूूद अपने कारखानों को भी बेचेगी। कंपनी ने पहले ही दोनों संयंत्रों में उत्पादन बंद कर दिया है। हमने आपको पहले बताया था कि टाटा मोटर्स और फोर्ड इंडिया गुजरात स्थित प्लांट के लिए बातचीत कर रहे हैं। टाटा इस फोर्ड प्लांट में इलेक्ट्रिक कारों को विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। लेकिन अभी इस पर कोई कंपनी की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
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फोर्ड अभी भी अपने चेन्नई कारखाने की ब्रिकी के लिए कई ब्रांडों के साथ बीतचीत कर रही है, कंपनी ने मीडिया वेबसाइट से बताया कि “सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद, हमने किसी भी भारतीय संयंत्र से निर्यात के लिए ईवी निर्माण को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। हम उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों के तहत हमारे प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए सरकार के आभारी हैं, और जब तक हमने अपनी खोज जारी रखी, तब तक हम इसका समर्थन करते रहे।” तो फोर्ड की ईवी की लांंचिंग पर चल रहा संशय यहां खत्म हो गया है, अब देखना होगा कि कंपनी के कारखानों को कब तक खरीदार मिलते हैं।