भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट को बढ़ावा देनें के लिए वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रही है। इन वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए महिंद्रा ने अगले 2 साल में देश में 3000 इलेक्ट्रिक कारें बनाने का लक्ष्य रखा है। इस बारे में महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका का कहना है कि अभी बिजली के वाहन बनाने की हमारी क्षमता प्रतिमाह 200 यूनिट है और यह आने वाले चार महीनों में बढ़कर 700-800 वाहन तक पहुंच जाएगी।
गोयनका ने यह भी बताया कि फिलहाल महिंद्रा एंड महिंद्रा बेंगलूरु, नाशिक और पुणे स्थित संयंत्रों में तीन अलग-अलग श्रेणियों में इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण करती है और अगले दो साल में हम इलेक्ट्रिक वाहन की अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाकर 3,000 करना चाहते हैं। इसके लिए कंपनी 500 से 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। हांलाकि इसके लिए अभी जगह तय नहीं हो पाई है।
केंद्रीय बजट से ऑटोमोबाइल सेक्टर से महिंद्रा का इस बार क्या उम्मीदें है इसके बारे में गोयनका ने कहा कि इस बजट में हम यह देखना चाहेंगे कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए क्या उपाय करती है। इतना ही नहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के आर एंड डी को बढ़ावा देने के लिए तरह की बजट रियायत दी जाती है।