आपको याद होगा कि इस साल की शुरुआत में सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2022 से कार निर्माताओं के लिए मोटर वाहनों में कम से कम छह एयरबैग देना अनिवार्य कर देगी। छोटी कारों में एयरबैग को लेकर मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा कि “1 अप्रैल 2020 से BS6 उत्सर्जन मानदंडो के लागू होने से पहले ही वाहनों की कीमत पर प्रभाव पड़ा है,और अब एयरबैग अनिवार्य करने को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए।। क्योंंकि इससे हैचबैक कारों की कीमत काफी बढ़ जाएंगी। इन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ वाहनों की कीमत बढ़ेगी बल्कि ज्यादा लागत ऑटो क्षेत्र में नौकरियों को भी प्रभावित कर सकती है।
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जाहिर है, कि यह देश में छोटी कारों की बिक्री के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। वर्तमान में, सभी वाहनों में दो एयरबैग अनिवार्य हैं- एक ड्राइवर के लिए और दूसरा सामने वाले यात्री के लिए। वहीं जुलाई 2019 में ड्राइवर सीट एयरबैग नियम अनिवार्य कर दिया गया था, जबकि सामने वाले यात्री की सीट के लिए एक जनवरी 2022 से नियम लागू हुआ था। फिलहाल मारुति अपने एंट्री-लेवल मॉडल में चार एयरबैग जोड़ने पर विचार कर रही है, जिससे अंतिम लागत में करीब 60,000 रुपये वृद्धि का अनुमान है।
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रिसर्च के अनुसार अगर बी-सेगमेंट एसयूवी पर अतिरिक्त चार एयरबैग का मूल्य लगभग 17,600 रुपये होगा। यानी हैचबैक हो या एसयूवी कारों में एयरबैग सुरक्षा तो देगा, लेकिन कीमत में भी इजाफा हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर देखें तो हुंडई ने अच्छी बिक्री दर्ज करने के बावजूद अपनी एंट्री-लेवल पेशकश सैंट्रो को बंद कर दिया। हालांकि कंपनी ने इसे बंद करने के आधिकारिक कारण का खुलासा नहीं किया। लेकिन सैंट्रो को हटाए जाने के कारणों में से एक आगामी 6 एयरबैग नियम है, क्योंकि चार एयरबैग जोड़ने से इस कार की कीमत 8 लाख रुपये से अधिक हो जाएगी जो एक छोटी कार के लिए बहुत अधिक है।