सरकार का प्लान
गडकरी ने कहा कि इस पॉलिसी के जरिए जो वाहन पुराने हो गये हैं और सड़कों पर चलने लायक नहीं ऐसे वाहनों को हटाने में आसानी होगी, गडकरी ने कहा कि हमारा टारगेट शहर के सभी केंद्रों से 150 किलोमीटर के भीतर एक वाहन स्क्रैपिंग सेंटर बनाना है। गडकरी ने कहा, राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति भारतीय परिवहन एवं सतत क्षेत्र के लिए अहम पहल है। यह भी पढ़ें: 4 लाख रुपये में घर लाएं चमचमाती नई कार! देखें Maruti से लेकर Hyundai तक के किफायती कारों की लिस्ट
नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी को इस तरह से डिजाइन किया है कि छोटे से लेकर बड़े लेवल तक के इंवेस्टर्स स्क्रैप सेंटर खोल सकते है,उन्होंने कहा कि एक कबाड़ी से लेकर बड़ी ऑटो कंपनी तक कोई भी अपना स्क्रैप सेंटर खोल सकता है। खास बात यह है कि इसकी परमिशन के लिए सरकार की तरफ से सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम मिलेगा जहां स्क्रैप सेंटर से जुड़ी सारी मंजूरियां एक ही जगह मिलेंगी। एक शहर के भीतर कबाड़ बन चुके वाहनों को इकट्ठा करने वाले कई अधिकृत केंद्र खोले जा सकते हैं, जिन्हें वाहन का पंजीकरण खत्म करने का अधिकार होगा।
गडकरी ने यह भी कहा कि भारत में पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का एक वाहन स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता है। और हम म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान, नेपा, मालदीव, और श्रीलंका से बड़ी संख्या में पुराने वाहनों को अपने देश में स्क्रैप करने के लिए आयात कर सकते हैं। यह भी पढ़ें: गजब का टैलेंट! बना डाली एक पहिए पर चलने वाली KTM Bike, सरपट दौड़ रही है यह मोटरसाइकिल
जानकारी के लिए आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल (अगस्त में) राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति की शुरुआत करते हुए बताया था कि इसके जरिये बेकार हो चुके और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने में मदद मिलेगी। साथ ही यह क्षेत्र प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से 4 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और 2025 तक इसमें 5 करोड़ से अधिक लोगों को काम मिलेगा।
रोड टैक्स में मिलेगी छूट
यहां हम बताते चलें कि देश में इस साल 1 अप्रैल से प्रभावी नई नीति के तहत सरकार ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 फीसदी तक की कर में छूट प्रदान करेंगे।