ड्राफ्ट रूल्स के मुताबिक अगर कोई पैसेंजर कैब में छेड़छाड़ या मिसबिहेव की शिकायत करता है तो फिर ऐग्रिगेटर को ड्राइवर के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराना होगा। ऐसा न करने पर कंपनी पर 1 लाख रुपये तक का फाइन लग सकता है। आपको मालूम हो कि टैक्सी स्कीम, 2017 के ड्राफ्ट को पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सतेंद्र जैन के नेतृत्व वाले पैनल ने तैयार किया है। और जल्दी ही इस पॉलिसी ड्राफ्ट को दिल्ली कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है।
अक्टूबर में लॉन्च होगी टाटा की ये कार, बनेगी सबसे सस्ती हैचबैक कार दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा,
‘दिल्ली में कैब सर्विस अब ट्रांसपोर्टेशन का महत्वपूर्ण माध्यम है और यात्री बड़े पैमाने पर ऐप बेस्ड ऐग्रिगेटर्स के जरिए यात्रा करते हैं। इन कैब सर्विसेज को रेग्युलेट करने के लिए नियम तय करना बेहद जरूरी है।’ दिल्ली सरकार देगी कैब के लिए लाइसेंस- ऐप बेस्ड ऐग्रिगेटर्स को अब लाइसेंस दिल्ली सरकार से लेना होगा। इसका मतलब ये होगा कि उन्हें 24×7 कॉल सेंटर चलाना होगा और अपनी हर कैब में का लाइव जीपीएस डेटा ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के कंट्रोल सेंटर को सौंपना होगा।इस पॉलिसी का सबसे ज्यादा आने वाले फेस्टिव सीजन में होगा क्योंकि पीक टाइम में इस नियम के आने के बाद किराए में अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी नहीं होगी। ऐग्रिगेटर्स को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से तय न्यूनतम और अधिकतम किराये की पॉलिसी को फॉलो करना होगा। इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने पर 25 हजार का फाइन भरना होगा।