ओडोमीटर
कार में किमी की जानकारी देने वाले ओडोमीटर में कई लोग छेड़छाड़ कर देते हैं, जिसमें ज्यादा चली हुई कार को भी कम चली हुई दिखा देते हैं। इस तरह से कार द्वारा कुल तय की गई दूरी को कम किया जाता है और उससे कीमत पर सीधा-सीधा असर होता है, क्योंकि कम चली हुई कार की कीमत अधित होती है।
कार का एक्सटीरियर
कई बार क्या होता है कि एक्सीडेंट हुई कार पर निशान या डेंट आ जाते हैं जिन्हें देखना बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि ये आसानी से पूरी तरह दिखते नहीं हैं। इसलिए सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त कार को बाहर से पूरी तरह चेक कर लीजिए।
कार के टायर
कार जितनी ज्यादा चली होगी तो टायर उतना ज्यादा ही घिस जाएंगे तो इसलिए कार के टायरों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। कई बार लोग टायर घिस जाने पर उनके ऊपर रबड़ चढ़वा लेते हैं जो कि घिसे हुए टायर को ढक देती है।
कार का इंटीरियर
कार का इंटीरियर पूरी तरह देख लेना चाहिए, क्योंकि इसमें कई फीचर्स ऐसे होते हैं जो समय के साथ खराब हो जाते हैं। इसलिए सेंकड हैंड कार खरीदते वक्त कार की बैटरी, बेल्ट और होज देख लीजिए और ये भी देख लीजिए कि कहीं से लीकेज तो नहीं है।
टेस्ट ड्राइव और मैकेनिक से सलाह
जब भी सेकंड हैंड कार खरीदने जाएं तो अपने साथ किसी मैकेनिक या जानकार व्यक्ति को जरूर लेकर जाएं, क्योंकि इंजन के बारे में जानकारी सभी को नहीं होती है। कार को खरीदने से पहले उसके एक बार चलाकर जरूर देखिए ताकि आपको ये पता चल जाएगा कि ये कार आपके चलाने लायक है भी या नहीं।