Speed के हिसाब से बदलें गियर
गाड़ी चलाते समय अक्सर लोग फर्स्ट और दूसरे गियर में तो गाड़ी सही चलाते हैं लेकिन उसके बाद गियर्स का सही इस्तेमाल नहीं करते। ऐसा होने से फ्यूल की खपत ज्यादा बढ़ जायेगी साथ ही इंजन और गियर बॉक्स के खराब होने के चांस भी बढ़ जाते हैं। आजकल कई गाड़ियों में गियरशिफ्ट इंडिकेटर दिया हुआ होता है जिसकी मदद से आपको गियर बदलने में मदद मिलती है। इसके अलावा कार का गियर हमेशा उचित इंजन RPM (रेवॉल्यूशन प्रति मिनट) पर बदलना चाहिए। उसी के मुताबिक अक्सेलरेटर दबाना चाहिए।
सिग्नल पर गियर में न करें कार
यह अक्सर देखने में आता है कि रेड सिग्नल पर लोग गाड़ी ऑन रखते हैं जिसकी वजह से क्लच को दबाये रखना पड़ता है। इतना ही नहीं ज्यादा देर खड़ी गाड़ी में क्लच का इस्तेमाल करने से इंजन और क्लच दोनों को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।
क्लच पैडल पर हर समय न रखें पैर
ज्यादातर लोग क्लच पर पैर रखकर, और हाफ क्लच पर पैर रखकर गाड़ी चलाते हैं जोकि सही नहीं है ऐसा करने से क्लच डैमेज होने लगती हैं और उम्र आधी हो जाती है। इससे कार जल्दी-हल्दी मैनेटेंस मांगने लगती है और आपकी जेब पर भी इसका असर पड़ता है, क्योंकि जब-जब क्लच प्लेट्स चेंज होंगी तो इंजन ऑयल भी पूरा बदलेगा।
गियर लीवर को आर्म रेस्ट न बनायें
लोग ड्राइव करते समय एक हाथ स्टेयरिंग पर रखते हैं और दूसरा हाथ गियरलीवर पर रखते हैं। गियर लीवर पर हाथ रखने से सेलेक्टर फॉर्क रोटेटिंग कॉलर के संपर्क में आ सकता है और गियर बदलने की आशंका बनी रहती है। इस वजह से कार चलाने के दौरान अपना हाथ स्टीयरिंग वील पर ही रखें, इससे आप और आपकी गाड़ी, दोनों सेफ रहेंगे।
चढ़ाई पर क्लच पैडल न दबाए
पहाड़ी या उंचाई वाले रोड्स पर कार चढ़ाने के दौरान क्लच दबाए रखते हैं, जो कि एक दम गलत है। क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो कार बिना गियर के हो जाती है। अगर आप ऐसे में क्लच दबाए रखते हैं, तो ढाल आने पर कार पीछे की तरफ जाने लगती है। इसलिए कार को चढ़ाते वक्त गियर में ही रखें और क्लच का इस्तेमाल सिर्फ गियर बदलते समय ही करें।