1955 300 SLR Uhlenhaut Coupe को 5 मई को स्टटगार्ट के मर्सिडीज-बेंज संग्रहालय में नीलाम किया गया था, और इस पूरे सेलिंग प्रोसेस में RM Sotheby व Mercedes-Benz साथ मिलकर काम कर रहे थे। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिक्री सबसे हाई अमाउंट पर हो। हालांकि यह नीलामी केवल आमंत्रण वाली नीलामी थी और कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था जो मर्सिडीज के सबसे प्रमुख ग्राहक रहे हैं। इतना ही नहीं दुनिया की सबसे महंगी कार बेचने वाली कंपनी ने मालिक को कई शर्तों के साथ बांध भी रखा है। इनमें से पहली यह है, कि जिस मालिक ने कंपनी को 1109 करोड़ देकर कार खरीदी है, वह कार को अपने घर नहीं ले जा सकता। क्योंकि कार कंपनी के म्यूजियम में रहेगी।

वहीं कंपनी ने इस कार के मालिक को रोजाना ड्राइव करने की इजाजत नहीं दी है। यानी वह इस कार से सड़क प सफर नहीं कर पाएगा। मालिक को केवल खास मौके बड़ी पार्टी या अन्य खास पल के लिए वाहन चलाने की अनुमति मिलेगी। एक निजी ऑटोमोटिव कलेक्टर जिसने गुमनाम रहने का विकल्प चुना है, ने €135 मिलियन ($143 मिलियन) की बोली लगाई। इस बोली के साथ 300 SLR Uhlenhaut Coupe नीलामी में बेची जाने वाली दुनिया की सबसे महंगी कार बन गई है। वहीं आरएम सोथबी ने अपनी घोषणा में खुलासा किया कि मर्सिडीज रेस कार के लिए बोली आरएम सोथबी द्वारा 2018 में बेची गई 1962 फेरारी 250 जीटीओ की बिक्री मूल्य से अधिक कीमत पर खोली गई, जो कार पहले नीलामी में बेची गई सबसे मूल्यवान के रूप में रैंक की गई थी।
