अग्रवाल की कार एक दुर्घटना का शिकार हो गई थी और उसका बीएमडब्ल्यू सिक्योर पॉलिसी के तहत बीमा किया गया था। इस पॉलिसी के तहत, एक्सीडेंट वाली गाड़ी को हुए कुल नुकसान की एक सर्वे रिपोर्ट की पुष्टि के बाद उसे एक नए वाहन के साथ बदल दिया जाता है।
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2012 में पहुंचे थे उपभोक्ता आयोग-
बीएमडब्ल्यू और बीमा कंपनी द्वारा अग्रवाल का क्लेम खारिज करने के बाद, जुलाई 2012 में अग्रवाल ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया था। एनसीडीआरसी की पीठासीन सदस्य दीपा शर्मा ने कहा, “अब, जब से यह साबित हो गया है कि बीमा कंपनी (बजाज आलियांज) द्वारा शिकायकर्ता के दावे का खण्डन गलत था और उन्होंने सेवा प्रदान करने में कमी की, इसलिए बीएमडब्ल्यू सिक्योर पॉलिसी के तहत, शिकायतकर्ता अपीलकर्ता से एक नई कार के हकदार हैं।”
शर्मा ने कहा कि अग्रवाल को पुरानी कार के बदले में बीएमडब्ल्यू की सीरीज 3 320 डी मॉडल की एक नई कार दी जाए।
NCDRC ने बीएमडब्ल्यू और बीमा कंपनी द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज करने के साथ ही कंपनी को अग्रवाल के दावे को खारिज करने के लिए खराब सेवा का दोषी ठहराया।