आपको बता दें कि लैम्बॉर्गिनी के मालिक फारुशियो लैम्बॉर्गिनी अपने शुरूआती दौर में सेना के इस्तेमाल किए गए पुराने पुर्जों से ट्रैक्टर बनाते थे और इस काम से वो अच्छा खासा कमा लेते थे। एक बार लैम्बोर्गिनी ने फरारी की कार खरीदी लेकिन इस कार को चलाने के बाद उन्हें कार में कई तरह की कमियां नजर आईं और इन्होने इन कमियों की जानकारी फरारी के मालिक को देनी चाही एंजो फेरारी को देनी चाही। लेकिन जैसे ही इस बारे में उन्होंने ऐंजो फरारी को बताया वो भड़क गए।
ऐंजो फरारी ने लैम्बॉर्गिनी से कहा कि वो एक ट्रैक्टर ड्राइवर से सलाह नहीं लेते और उन्हें फरारी कार नहीं बल्कि एक ट्रैक्टर ही खरीदना चाहिए। आपको बता दें कि फारुशियो पेशे से एक मैकेनिक थे ऐसे में वो कार की दिक्कत को ठीक करने की बजाय इस दिक्कत की जानकारी एंजो फरारी को देना चाहते थे। लेकिन एंजो ने उनका अपमान किया जिससे वो काफी आहत हुए और उन्होंने उसी वक्त ठान लिया कि वो वो अब खुद की फास्ट कार बनाएंगे जो फरारी को टक्कर देगी।
फारुशियो के दिमाग में फास्ट कार बनाने का पूरा प्लैन तैयार था और उन्होंने अपनी इस कार पर काम शुरू किया और उन्होंने महज कुछ महीनों की मेहनत के बाद अपनी पहली स्पोर्ट्स कार तैयार कर ली। अपनी पहली कार 350 GT तैयार करने के लिए लैम्बोर्गिनी ने फेरारी के एक पुराने इंजीनियर और दो युवा इंजिनियरों को काम पर रखा और सबकी मेहनत से आखिरकार एक धाकड़ कार बनकर तैयार हो गई।
आपको बता दें कि 350 GT में V-12 इंजन लगाया गया था बेहद ही ताकतवर थी। साल 1963 में लैम्बोर्गिनी की ये कार बनकर तैयार हो गई। साल 1964 से लैम्बॉर्गिनी की कारों की बिक्री शुरू हो गई थी और इस कार को खरीदने के लिए लोगों के बीच होड़ मच गई थी क्योंकि यह एक ऐसी कार थी जो फरारी की कार को टक्कर देती थी।
आपको बता दें कि लैम्बॉर्गिनी ने ऐसी 120 कारें बनाई। यह कार एक टू सीटर लक्ज़री स्पोर्ट्स कार थी। इस कार का मॉडल लोगों को इतना ज्यादा पसंद आया कि लोगों ने इस कार कंपनी पर भरोसा करना शुरू कर दिया। इस कार के लॉन्च होने के कुछ समय बाद ही लैम्बॉर्गिनी ने इसका नया मॉडल 400 GT बनाया और वह भी जबरदस्त हिट रहा।
इस कार से मार्केट में छा गई लैम्बॉर्गिनी की कारें
आपको बता दें कि 1966 लॉन्च हुई लैम्बॉर्गिनी मिउरा कार ने कंपनी को वो शोहरत दिलाई जिसका उन्हें इन्तजार था। यह इस कंपनी की सुपरकार थी जिसमें बेहद शक्तिशाली V-12 इंजन लगा हुआ था। इतने जबरदस्त इंजन की वजह से ये कार आसानी से 350 kmpl की रफ़्तार पकड़ लेती थी। इस का की फ्यूल कपैसिटी महज 4 लीटर थी। इस कार में पीछे की तरफ इंजन दिया गया था जो कि उस जमाने की कारों के लिए नई बात थी।
फारुशियो लैम्बॉर्गिनी ने ऐंजो फरारी की बेइज्जती की वजह से वो कारनामा कर दिखाया जो उस ज़माने के लोग सोच भी नहीं सकते थे। आज ये दोनों ही कारें एक ही पायदान पर हैं और इन दोनों ही कारों को दुनियाभर में पसंद किया जाता है।