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विदेशों में धड़ल्ले से बिक रही है भारत में बनी कारें, अप्रैल से दिसंबर तक निर्यात में 6 फीसदी की बढ़त दर्ज

locationनई दिल्लीPublished: Jan 20, 2020 12:40:18 pm

Submitted by:

Pragati Bajpai

इस बढ़ोत्तरी के बाद पैसेंजर व्हीकल्स का निर्यात 5,40,384 इकाई पर पहुंच गया है जो एक साल पहले इतनी ही अवधि के लिए 5,10,305 यूनिट था।

car export

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नई दिल्ली: 2019 भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए सबसे बुरा साल रहा। भारत में भले ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही हो लेकिन विदेशों में मेड इन इंडिया कारों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों यानी अप्रैल से दिसंबर के दौरान हमारे देश से पैसेंजर व्हीकल्स के एक्सपोर्ट में वृद्धि दर्ज की गई है। इन 9 महीनों में देश में निर्यात में 6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। इस बढ़ोत्तरी के बाद पैसेंजर व्हीकल्स का निर्यात 5,40,384 इकाई पर पहुंच गया है जो एक साल पहले इतनी ही अवधि के लिए 5,10,305 यूनिट था। आपको बता दें कि निर्यात होने वाली कारों में सबसे ज्यादा कारें हुंडई की थी ।

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Hyundai ने मारी बाजी-

सियाम के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में हुंडई मोटर्स ने सबसे अधिक 1.45 लाख यात्री वाहनों का निर्यात किया। Hyundai Motors ने इस टाइम पीरियड में 1,44,982 यात्री वाहनों का निर्यात किया जो इसकी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15.17 फीसदी अधिक है। हुंडई मोटर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकार एस एस किम ने कहा कि कुल 1,44,982 इकाइयों के निर्यात और 26.8 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ हुंडई ने एक बार फिर निर्यात बाजार में अपना शीर्ष स्थान कायम रखा है।

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ऩहीं चला Maruti का जादू-

मारुति देश की सबसे बड़ी कार कंपनी है लेकिन विदेश में इसका जादू कुछ खास नहीं चला । मारुति सुजुकी इंडिया का निर्यात 1.7 फीसदी घटकर 75,948 यूनिट रह गया। जबकि निसान मोटर इंडिया का निर्यात 39.97 फीसदी बढ़कर 60,739 यूनिट पर पहुंच गया। मारुति के अलावा फोर्ड इंडिया का निर्यात 12.57 फीसदी घटकर 1,06,084 यूनिट रह गया। इसके अलावा फॉक्सवैगन इंडिया का निर्यात 47,021 यूनिट रहा. किया मोटर्स इंडिया का निर्यात 12,496 यूनिट और रेनो इंडिया का 12,096 यूनिट रहा।

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