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आपको बता दें कि दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट 2019 (संशोधित) में लोगों द्वारा गैर जिम्मेदार तरीके से सड़क पार करने के खिलाफ कोई कानून नहीं है। हालांकि, राज्य सरकारों को यह अधिकार है कि वह पैदल चलने वालों के लिए नियम निर्धारित कर सकती है। लेकिन किसी भी राज्य में अभी तक ऐसा कोई भी नियम नहीं बनाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पैदल चलने वाले लोग उनके लिए बनाए गए रास्तों का इस्तेमाल न कर बीच सड़क पर नियमों का उल्लंघन करते हुए रास्ता पार करते हैं । पैदल यात्री अक्सर जेब्रा क्रांसिंग, सिग्नल और फुटब्रिज की अनदेखी करते नजर आते हैं। और कई बार तो स्पीड में चल रही गाड़ियों की अनदेखी कर लोग भाग-भाग कर रोड क्रास करते भी देखे जा सकते हैं।
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ट्रैफिक एक्सपर्ट्स की मानें तो 90 प्रतिशत लोग पैदल यात्रियों के लिए बनाए गए सुविधाओं का उपयोग नहीं करते हैं। और ट्रैफिक रिपोर्ट के मुताबिक 20 प्रतिशत सड़क हादसे पैदल चलने वालों की लापरवाही से होते हैं।
जागरूकता की भी है कमी- आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि पैदल यात्रियो के लिए नियम नहीं है बल्कि पैदल चलने वालों को उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी नहीं पता है। यानि जरूरत फिलहाल मौजूद सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाने और साथ ही पैदल यात्रियों के लिए नियम बनाने की भी जरूरत है।