भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा है कि नए मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) के तहत यातायात नियम के उल्लंघन पर अधिसूचित किए गए न्यूनतम जुर्माने को राज्य सरकारें कम नहीं कर सकती हैं।
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वेणुगोपाल ने कहा कि चूंकि संशोधित मोटर वाहन एक्ट एक संसदीय कानून है, इसलिए राज्यों में राष्ट्रपति की सहमति के बिना केंद्रीय कानून के वैधानिक प्रावधान के तहत जुर्माना तय करने के लिए कोई कानून पारित नहीं किया जा सकता है।
अटॉर्नी जनरल कहा कि संविधान के अनुच्छेद 256 के तहत, केंद्र सरकार राज्यों को निर्देश जारी कर सकती है कि वे मानदंडों का पालन करें।
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नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत बिना हेलमेट या सीटबेल्ट पहने गाड़ी चलाना, बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाना, आपातकालीन वाहनों का रास्ता रोकना जैसी बातें चालान की सीमा में आती है हालंकि इनके लिए अदालत जाने की जरूरत नहीं होती है। आपकतो मालूम हो कि हाल ही में गुजरात सरकार ने शहरी क्षेत्रों में हेलमेट लगाने की बाध्यता भी खत्म कर दी है।