दरअसल tata motors ने अपनी कार Indigo का माइलेज विज्ञापन में असलियत से अलग बताया था और यही वजह है कि अब कंपनी को इसके लिए जुर्माना भरना पड़ेगा।
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क्या है पूरा मामला- कलकत्ता में रहने वाले प्रदीप्ता कुंडू ने 2011 में टाटा इंडिगो का विज्ञापन देखकर ये कार खरीदी थी। विज्ञापना में 25 किमी प्रति लीटर माइलेज का दावा किया था लेकिन खरीदने के बाद उन्हें निराशा हाथ लगी । और जब उन्होने कार वापस करने की बात कही तो कंपनी ने इसे रिप्लेस करने से मना कर दिया । जिसके बाद कुंडू ने डिस्ट्रिक्ट कमीशन में इसके लिए याचिका दायर की वहां फैसला कुंडू के हक में आने पर कंपनी ने फैसले को राज्य स्तर पर चुनौकी दे दी ।
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राष्ट्रीय आयोग ने पहले के फैसलों को सही ठहराते हुए कंपनी को गलत विज्ञापन दिखाने के लिए 3.5 लाख रुपये का हर्जाना भरने का आदेश दिया है साथ ही राज्य आयोग में 1.5 लाख रूपए दंडात्मक हर्जाने के रूप में जमा करने का आदेश दिया है।