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बेहद खतरनाक होती हैं डीजल कारें, पॉल्यूशन ही नहीं जान जाने तक का होता है खतरा

locationनई दिल्लीPublished: Dec 31, 2019 04:01:11 pm

Submitted by:

Pragati Bajpai

डीजल इंजन का इंजन स्पीड उसमें आने वाली फ्यूल से कण्ट्रोल होता है। इंजन में फ्यूल की एंट्री को कण्ट्रोल करने के ज़रिये होते हैं, लीक से आये फ्यूल को कण्ट्रोल नहीं किया जा सकता।

diesel car

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नई दिल्ली: अक्सर लोग डीजल कारें खरीदना पसंद करते हैं इसकी सबसे बड़ी वजह इसका ज्यादा माइलेज और इंजन का लंबे समय तक चलना होता है। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि इन डीजल कारों में एक ऐसी कमी होती है जिसकी वजह से चलाने वाले को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। दरअसल अगर आप डीजल इंजन को ठीक से मेन्टेन नहीं करते हैं तो ये हमेशा के लिए बंद भी हो सकते हैं।

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डीजल इंजन काफी जटिल इंजीनियरिंग से बनते हैं। डीजल इंजन सही तापमान और दबाव पर किसी भी तरह के फ्यूल जला सकते हैं। अगर एक डीजल इंजन के कम्बशन चैम्बर में इंजन ऑइल या किसी भी तरह का फ्यूल पहुंचे तो भी वो चलता रहता है। डीजल इंजन के चलते रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण खराब रूप असेंबल किया हुआ टर्बोचार्जर।

टर्बोचार्जर में खराब हुआ ऑइल सील किसी भी डीजल इंजन के लिए खतरनाक हो सकता है। टर्बोचार्जर सही से चलने के लिए इंजन ऑइल पर निर्भर होते हैं इसलिए इनके इर्द-गिर्द ऑइल चैनल होते हैं जो इन्हें ऑइल की सप्लाई देते हैं। लेकिन अगर एक ऑइल सील टूट जाता है, तो इंजन ऑइल इंजन के कम्बशन चैम्बर में घुस सकता है। अगर लीक छोटी है तो वो चैम्बर में जल जाती है। लेकिन अगर ऑइल का फ्लो काफी ज़्यादा है और चैम्बर में पर्याप्त तापमान और दबाव है तो इंजन ऑइल जलने लगेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें डीजल इंजन में स्पार्क प्लग्स नहीं होते। चैम्बर में सही दबाव और तापमान के चलते फ्यूल जलता है। एक बार जब इंजन ऑइल जलने लगता है तो फ्यूल की ज़रुरत नहीं होती और तभी ‘इंजन रनिंग अवे’ की दिक्कत आने लगती है।

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डीजल इंजन का इंजन स्पीड उसमें आने वाली फ्यूल से कण्ट्रोल होता है। इंजन में फ्यूल की एंट्री को कण्ट्रोल करने के ज़रिये होते हैं, लीक से आये फ्यूल को कण्ट्रोल नहीं किया जा सकता। जैसे ही इंजन खुद से इंजन ऑइल जलाने लगता है, वहां वैक्यूम बन जाता है एवं इंजन में और भी इंजन ऑइल आने लगता है। कई मॉडर्न इंजन में कट-ऑफ वाल्व होते हैं जो इंजन को चोक कर उसे बचा लेते हैं। लेकिन, इनसे इंजन के बच जाने की गारंटी नहीं होती।

कार के मेंटेनेंस के लिए जरूरी है कि इंजन ऑइल को रेग्यूलर इंटरवल पर बदलते रहना चाहिए और फैक्ट्री द्वारा बताये गए ग्रेड ऑइल का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर चैम्बर में ज़्यादा इंजन ऑइल डाल दिया जाए तो इससे ऑइल सील टूट सकता है।

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