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छात्र ऋण व अतिथि शिक्षक पर एलजी व आप सरकार में सहमति : सिसोदिया

Published: Sep 30, 2017 08:32:07 pm

मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने सुबह बैजल से मुलाकात की, जिसके बाद उन्हें (बैजल को) अहसास हुआ कि ऋण योजना को बंद नहीं किया जाना चाहिए।

Manish Sisodia

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नई दिल्ली। दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल व आम आदमी पार्टी (आप) सरकार छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए कर्ज व अतिथि शिक्षकों को स्थायी करने के मुद्दे पर लगभग सहमत हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सुबह बैजल से मुलाकात की, जिसके बाद उन्हें (बैजल को) अहसास हुआ कि ऋण योजना को बंद नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बैजल चाहते हैं कि उनके सुझावों को योजना में शामिल किया जाए, लेकिन इनमें से ज्यादातर को पहले ही शामिल किया गया है। सिसोदिया ने कहा, मैंने फिर से फाइल को (उप राज्यपाल) के पास जमा कर दिया है और मुझे आशा है कि वह मंजूरी देंगे।

सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग भी है। सिसोदिया ने मीडिया से कहा कि उप राज्यपाल ने पहले आम आदमी पार्टी सरकार से छात्र ऋण पर केंद्र सरकार से राय लेने को कहा था। लेकिन, ऐसा करने से स्कीम दो-तीन साल पीछे चली जाती।

दिल्ली के 15,000 अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर सिसोदिया ने कहा कि बैजल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को लेकर चिंतित हैं। आप सरकार अतिथि शिक्षकों को स्थायी करना चाहती है। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने उप राज्यपाल से कहा है कि अतिथि शिक्षकों को स्थायी करना रिक्तियों को भरने का सहज तरीका है।

दिल्ली कैबिनेट ने बुधवार को 15,000 अतिथि शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में स्थायी करने के एक विधेयक को मंजूरी दी। इसे दिल्ली विधानसभा में 4 अक्टूबर को एक विशेष सत्र में लाया जाएगा।

दिल्ली विधानसभा ने 10 अगस्त को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा शिक्षक भर्ती पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक अतिथि शिक्षकों को दिए जाने वाले वेटेज का मापदंड तैयार न हो जाए। बैजल ने गुरुवार को सिसोदिया से डीएसएसएसबी द्वारा शिक्षकों की भर्ती फिर शुरू करने को कहा। उपराज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों के खाली पदों से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।

सिसोदिया ने कहा, नए शिक्षकों की भर्ती करने में दो से तीन साल लगेंगे और तब तक दिल्ली की शिक्षा प्रणाली के लिए किए गए हमारे अच्छे कार्य पटरी से उतर जाएंगे। सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर बैजल का समर्थन मिलेगा।

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