1. बीटेक इन कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग एंड एमएस/एमटेक इन सोशल साइंस/ह्यूमैनिटीज/साइंस/टेक्नोलॉजी 2. बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग एंड एमएस/एमटेक इन सोशल साइंस/ ह्यूमैनिटीज/साइंस/टेक्नोलॉजी जेएनयू के ये दो प्रोग्राम स्टूडेंट्स को टेक स्किल्स सिखाने के साथ समाज के विकास में अपनी डिग्री का इस्तेमाल करना भी सिखाते हैं। कोर्स के फर्स्ट हाफ में स्टूडेंट्स को अपने प्रमुख इंजीनियरिंग सब्जेक्ट के साथ बेसिक साइंस, ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंसेज और इंजीनियरिंग साइंसेज में एक कम्पल्सरी फाउंडेशन कोर्स भी करना होता है।
कोर्स के चौथे और पांचवें वर्ष में स्टूडेंट्स ह्यूमैनिटीज, इंटरनेशनल स्टडीज, साइंसेज, लैंग्वेजेज, लिंग्विस्टिक्स और सोशल साइंसेज की जानकारी हासिल करने के लिए इनसे जुड़े प्रोजेक्ट्स/डिसर्टेशन और कोर्सेज में हिस्सा ले सकते हैं। संक्षेप में ये डुअल डिग्री कोर्स आपको इंजीनियरिंग के नजरिए से इकोनॉमिक्स के डायनैमिक्स ही नहीं बल्कि फिजिकल, बायोलॉजिकल और एनवायरनमेंटल प्रक्रियाओं को समझने में भी मदद करते हैं।
कोर्स के चौथे और पांचवें वर्ष में स्टूडेंट्स ह्यूमैनिटीज, इंटरनेशनल स्टडीज, साइंसेज, लैंग्वेजेज, लिंग्विस्टिक्स और सोशल साइंसेज की जानकारी हासिल करने के लिए इनसे जुड़े प्रोजेक्ट्स/डिसर्टेशन और कोर्सेज में हिस्सा ले सकते हैं। संक्षेप में ये डुअल डिग्री कोर्स आपको इंजीनियरिंग के नजरिए से इकोनॉमिक्स के डायनैमिक्स ही नहीं बल्कि फिजिकल, बायोलॉजिकल और एनवायरनमेंटल प्रक्रियाओं को समझने में भी मदद करते हैं।
ऐसे मिलेगा एडमिशन आप साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट हैं और डुअल डिग्री कोर्स में दाखिला चाहते हैं तो जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में उपलब्ध दो नए कोर्सेज में से एक को चुन सकते हैं। इन कोर्सेज में एडमिशन के लिए आपकी जेईई मेन्स की मेरिट को आधार बनाया जाएगा। जेईई स्कोर के आधार पर जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी की ओर से मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। आपको बत दें कि डुअल डिग्री कोर्स पांच साल के होते हैं और इसके अंत में आपको बैचलर्स और मास्टर्स दोनों की डिग्री प्राप्त हेाती है। इस तरह से आप अपना एक साल बचाते हुए बैचलर्स के साथ साथ मास्टर्स भी पूरा कर पाते हैं।