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टेलीकॉम में जा सकती हैं 90 हजार और नौकरियां

locationनई दिल्लीPublished: Jan 15, 2018 09:47:21 pm

Submitted by:

Mazkoor

टेलीकॉम सेक्टर मुसीबत के दौर से गुजर रहा है। पिछले साल से लेकर अब तक टेलीकॉम सेक्टर में 40 हजार नौकरियां जा चुकी हैं।

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मुंबई : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम सेक्टर में २०१७ से लेकर अब तक करीब 30 हजार नौकरियां जा चुकी हैं और आने वाले छह से नौ महीने तक गिरावट के आसार बने रहेंगे। पिछले साल से लेकर अब तक करीब ४० हजार नौकरियां जा चुकी हैं और उम्मीद है कि छह से नौ महीने में 50 हजार नौकरियां और जा सकती हैं। इस तरह नौकरी जाने वालों की संख्या इस दरमियान करीब 80 से 90 हजार तक पहुंच सकती हैं।
बढ़ती प्रतिस्‍पर्धा से घटा मुनाफा
सीआईएल एचआर सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि बढ़ती प्रतिस्‍पर्धा के कारण प्रॉफिट मार्जिन कम होने का असर एक समय काफी उछाल लेने वाली टेलीकॉम सेक्टर पर पड़ा है। इससे इस क्षेत्र में अनिश्चितता का माहौल है। बड़े पैमाने पर इसका असर रोजगार पर पड़ा है। इसमें संशय की स्थिति बनी हुई है और नौकरियों के जाने का खतरा बना हुआ है। सोमवार को आई ‘सीआईईएल एचआर’ की यह सर्वे रिपोर्ट 65 टेलीकॉम कंपनियों और उसे सेवा प्रदान करने वाली सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंपनियों के करीब 100 वरिष्ठ और मध्य स्तर के कर्मचारियों के बीच एक सर्वेक्षण पर आधारित है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल से इस क्षेत्र में करीब 40,000 लोगों की नौकरी जा चुकी है और यही रुझान आने वाले छह से नौ महीने तक दिखेगा। अनुमान है कि इस दरमियान इस सेक्टर में काम करने वाले 50 हजार और लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। इस तरह यह संख्या 80 से 90 हजार तक पहुंच सकती है।
नौ महीने तक बनी रहेगी यह स्थिति
बेंगलूरु स्थित एक कंपनी के सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि अगली दो-तीन तिमाहियों तक इस क्षेत्र में संक्रमण की स्थिति बनी रहेगी। इस वजह से कुल 80 से 90 हजार लोगों की नौकरियां जाने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने वर्तमान नियोक्ताओं को लेकर कर्मचारियों में यह संशय की स्थिति बनी हुई है और अनुमान है कि आने वाली दो-तीन तिमाहियों तक उनकी चिंता और बढ़ेगी।
वेतन वृद्धि भी कम
रिपोर्ट में कहा गया है कि लोन सर्विसिंग की उच्च लागत, बाजार में हिस्सेदारी के लिए आक्रामक प्रतिस्पद्र्धा, अन्य कंपनियों के बीच विलय की अनिश्चितता के कारण दूरसंचार कंपनियों के निवेश में बाधा बन रही हैं। इस कारण यह छंटनी हुई है। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अन्य सेक्टर्स की तुलना में इस क्षेत्र में वेतन वृद्धि के दर में भी कमी आई है और करीब 69 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि घटकर 7 प्रतिशत हो गई है, जबकि इनमें से एक तिहाई कर्मचारियों की सालाना वेतन वृद्धि 5 प्रतिशत से भी कम हुई है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि इस सेक्टर में जॉब करने वाले अधिकतर लोग दूसरे सेक्टर्स में अपने लिए अवसर तलाश रहे हैं। मिश्रा कहते हैं कि इस प्रवृति से यह पता चलता है कि जब तक अति आवश्यक न हो यह सेक्टर नई भर्तियां नहीं कर रहा है। वह आगे कहते हैं कि टेलीकॉम सेक्टर ने अपनी चमक खो दी है इस वजह से वह नई प्रतिभाओं को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। हालत तो यह है कि जहां भर्तियां खाली पड़ी हैं, उसके लिए कोई आवेदन नहीं कर रहा है।
शीर्ष प्रतिभाओं को बचाए रखना बनी चुनौती
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 25 फीसदी लोग बिना दूसरी नौकरी के या तो टेलीकॉम सेक्टर की नौकरी छोड़ देते हैं या उनकी नौकरी चली जाती है। जबकि 69 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उन्हें अन्य क्षेत्रों में काम मिल सकता है। यह तथ्य यह बताता है कि इस सेक्टर के कुशल कर्मचारियों को दूसरे क्षेत्रों में नौकरी मिल जाती है। इसलिए टेलीकॉम सेक्टर के सामने यह भी बड़ी चुनौती है कि वह अपनी शीर्ष प्रतिभा को कैसे बचाए रखे।
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