scriptसरकार का मास्टर स्ट्रोक, दक्षिण कोरिया की तर्ज पर पढ़ेंगे बच्चे | Madhya Pradesh to follow South Korea's education model | Patrika News

सरकार का मास्टर स्ट्रोक, दक्षिण कोरिया की तर्ज पर पढ़ेंगे बच्चे

locationजयपुरPublished: Jun 12, 2019 10:06:54 am

दक्षिण कोरिया में बच्चे 12वीं की पढ़ाई पूरा करने के बाद ही रोजगार पा जाते है, क्योंकि वहां शिक्षा के जरिए बच्चों की रचनात्मकता को निखारने का प्रयास किया जाता है।

South Korean education Model

South Korean education model

राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक मास्टर स्ट्रोक के तहत बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। अब राज्य में ऐसी शिक्षा पर बल दिया जाने वाला है जो बच्चों के रचनात्मक व कौशल विकास को सुनिश्चित कर उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सक्षम हो। राज्य सरकार शिक्षा के जरिए बच्चों की रचनात्मकता को निखारने की तैयारी में हैं, जिसके लिए दक्षिण कोरिया के शिक्षा मॉडल का अध्ययन किया गया है। दक्षिण कोरिया के शिक्षा मॉडल की तर्ज पर राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसी के मद्देनजर स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों राज्य के शिक्षा विशेषज्ञों का एक दल दक्षिण कोरिया भ्रमण के लिए भेजा।

स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, दक्षिण कोरिया में बच्चे 12वीं की पढ़ाई पूरा करने के बाद ही रोजगार पा जाते है, क्योंकि वहां शिक्षा के जरिए बच्चों की रचनात्मकता को निखारने का प्रयास किया जाता है। इसी बात का अध्ययन करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के 30 सदस्य एक से छह जून तक के लिए दक्षिण कोरिया के भ्रमण पर गए। दल ने वहां के दो सरकारी स्कूलों, एक विश्वविद्यालय और दो वोकेशनल प्रशिक्षण केंद्रों का दौरा कर इनकी शिक्षा प्रणाली का जायजा लिया।

दक्षिण कोरिया से लौटे दल के सदस्यों ने सोमवार को विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुणशमी को इस बारे में जानकारी प्रदान की। बताया गया कि वहां स्कूलों में वोकेशनल प्रशिक्षण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की मदद ली जाती है, प्रशिक्षण हासिल करने वाले छात्र को यही कंपनियां स्कूलों में प्लेसमेंट के जरिए रोजगार दे देती हैं। भ्रमण कर लौटे दल ने स्कूलों के ढांचागत सुधार, क्लास रूम शिक्षण से संबंधित कार्ययोजना सहित अन्य प्रतिवेदन विभाग को सौंपे हैं।

रश्मि अरुणशमी का कहना है कि राज्य के दल ने दक्षिण कोरिया का दौरा कर जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके आधार पर राज्य के स्कूलों के लिए क्रिएटिविटी बेस्ड (रचनात्मकता आधारित) शिक्षा की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। दक्षिण कोरिया की शिक्षा प्रणाली को दुनिया की सबसे बेहतरीन शिक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है। वहां बड़ी संख्या में विद्यार्थी 12वीं की कक्षा तक की पढ़ाई पूरा करते ही रोजगार पा लेते है। ज्यादातर देश विज्ञान, अभियांत्रिकी और तकनीक आधारित शिक्षा पर जोर देते हैं, वहीं दक्षिण कोरिया के स्कूलों में शिक्षा प्रणाली विज्ञान, तकनीक, अभियांत्रिकी, गणित और कला पर आधारित है।

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