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कॅरियर कोर्सेज

दुनिया को हरा-भरा बनाकर संवारें कॅरियर

वनों के प्रबंधन, रखरखाव और संरक्षण की नीतियां बनाने में सिल्वी कल्चर का योगदान होता है। वृक्ष स्वस्थ और रोगमुक्त रहें, इसकी प्रक्रियाएं बनाने की जिम्मेदारी सिल्वी कल्चर विशेषज्ञ पर होती है।

Jul 08, 2018 / 04:37 pm

सुनील शर्मा

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क्या आप जानते हैं कि एलनीनो के प्रभाव से वर्षा के पैटर्न में बदलाव आता है? जाहिर है इन प्राकृतिक प्रभावों को पढऩे और समझने के लिए कई तरह की मशीनरी, शोधकर्ता और संगठनों की जरूरत होती है। अनेक गैर सरकारी संगठन और स्वयंसेवी संगठन भी इस काम के लिए प्रशिक्षित लोगों की तलाश में रहते हैं। जिन्हें वनस्पति शास्त्र में शोध, वन्यजीवन से प्रेम और जंगलों में सैर करने का शौक है, उनके लिए यह क्षेत्र अच्छा है।
सिल्वी कल्चर
वनों के प्रबंधन, रखरखाव और संरक्षण की नीतियां बनाने में सिल्वी कल्चर का योगदान होता है। वृक्ष स्वस्थ और रोगमुक्त रहें, इसकी प्रक्रियाएं बनाने की जिम्मेदारी सिल्वी कल्चर विशेषज्ञ पर होती है। सिल्वी कल्चर के लिए सबसे ज्यादा अवसर सरकारी विभागों या एजेंसियों में मिलते हैं जबकि कई अंतरराष्ट्रीय गैरसरकारी संगठन भी अब अवसर देने लगे हैं। सिल्वी कल्चर के विशेषज्ञों के लिए कुछ अवसर इस प्रकार हैं- पर्यावरण प्लानर, पर्यावरण समन्वयक, पर्यावरण प्रोग्राम विशेषज्ञ, वन प्रबंधक, वन शोध सहायक, वरिष्ठ प्राध्यापक मिट्टी और भूजल विशेषज्ञ। इसमें प्रारंभिक वेतन 12000 से 20000 रुपए प्रतिमाह हो सकता है।
वन प्रबंधन
वनों के प्रबंधन का काम वैसे तो मुख्य रूप से सरकारी विभागों के जिम्मे होता है। लेकिन आजकल इस क्षेत्र में अनेक गैरसरकारी संगठन भी काफी काम कर रहे हैं। अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी लकड़ी उत्पादन में संलग्न हैं और उन्हें वन प्रबंधकों की बहुत आवश्यकता है। इस विषय में पर्यावरण प्लानर, पर्यावरण समन्वयक, पर्यावरण प्रोग्राम विशेषज्ञ, वन प्रबंधक, वन शोध सहायक, वरिष्ठ प्राध्यापक, मिट्टी और भूजल विशेषज्ञ जैसे अवसर उपलब्ध हैं।
जू-क्यूरेटर
विभिन्न प्रकार के पशुओं के प्रबंधन से जुड़े कामों को करने के लिए प्रशिक्षित क्यूरेटरों की काफी जरूरत होती है। इसमें किसी खास पशु पर या पशुवर्ग पर विशेषज्ञता भी हासिल की जा सकती है। जू-क्यूरेटर, वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी हो सकते हैं। इस क्षेत्र में मिलने वाले पद हैं- बायोडायवर्सिटी सहायक, ज़ू-कीपर, केयर टेकर, वरिष्ठ प्राध्यापक, हॉर्टीकल्चर सहायक, शोध सहायक, वरिष्ठ ज़ू क्यूरेटर। इसमें 10000 रुपए प्रति माह से वेतन प्रारंभ होता है।
एंटोमोलॉजिस्ट
एन्टोमोलॉजी कीट अध्ययन का विषय है, जिसमें कीट बर्मिन, मकड़ी और इस प्रकार के अन्य कीटों का अध्ययन किया जाता है। यह जू़लॉजी विषय की ही शाखा है और इसमें मार्फोलॉजी, फिजियोलॉजी, टेक्सोनॉमी, जिनेटिक्स, इकोलॉजी, न्यूट्रीशन भी इस संदर्भ में पढ़े जाते हैं। एन्टोमोलॉजी में कॅरियर अच्छा बनाया जा सकता है। इनकी संख्या कम है, इसलिए मनचाहा वेतन पा सकते हैं। यह विषय विरला है, इसलिए इसमें विशेषज्ञ के पद भी बहुत सीमित संख्या में मिलते हैं।
शैक्षिक संस्थान
डॉ. वाय एस परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टीकल्चर, सोलन
www.yspuniversity.ac.in

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
www.bhu.ac.in

जवाहरलाल नेहरू एग्रीकल्चर कॉलेज, जबलपुर
www.jnkvv.org

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैंनेजमेंट, भोपाल
www.iifm.ac.in

पंजाब यूनिवर्सिटी
www.puchd.ac.in

मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन
www.manipal.edu
तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
www.tnau.ac.in

फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून
www.fri.res.in

बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, रांची
www.baujharkhand.org

यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
www.uohyd.ac.in

एन्टोमोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, लोयोला कॉलेज, चेन्नई
www.loyolacollege.edu

वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर, पांडिचेरी
www.pondiuni.edu.in

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