स्टूडेंट्स इसके तहत सरकार की स्कीम्स, एनससी, ब्लड डोनेशन जैसी एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकेंगे। खास बात यह है कि थ्योरी को कम कर प्रेक्टिकल पर जोर दिया गया है। फस्र्ट ईयर में सिर्फ पांच थ्योरी सब्जेक्ट होंगे। आरटीयू के डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग प्रो. अनिल के. माथुर का कहना है कि फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग और एकेडमिक काउंसिल में पास होने के बाद कॅरिकुलम इसी सेशन से लागू कर दिया जाएगा।
पेपर का पैटर्न चेंज होगा
पहली बार क्वेश्चन पेपर का पैटर्न भी चेंज होगा। अब यह तीन सेक्शन पार्ट ए, बी और सी में आएगा। पार्ट ए में शॉर्ट आंसर 25 वड्र्स तक लिखने होंगे। पार्ट बी में 100 से 150 वड्र्स और तीसरा पार्ट डिस्क्रिप्टिव होगा। अभी पूरा पेपर सब्जेक्टिव आता है।
पहली बार क्वेश्चन पेपर का पैटर्न भी चेंज होगा। अब यह तीन सेक्शन पार्ट ए, बी और सी में आएगा। पार्ट ए में शॉर्ट आंसर 25 वड्र्स तक लिखने होंगे। पार्ट बी में 100 से 150 वड्र्स और तीसरा पार्ट डिस्क्रिप्टिव होगा। अभी पूरा पेपर सब्जेक्टिव आता है।
मूक के जरिए प्रावधान
स्टूडेंट्स को अब बीटेक ऑनर्स की डिग्री मिल सकेगी। नए कॅरिकुलम में इसका प्रावधान किया गया है। इसके लिए स्टूडेंट्स को एआइसीटीई की ओर से तैयार ऑनलाइन मूक कोर्सेज के 20 क्रेडिट दिए जाएंगे। हालांकि यह ऑप्शनल होंगे। इन्हें पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को ऑनर्स डिग्री दी जाएगी।
स्टूडेंट्स को अब बीटेक ऑनर्स की डिग्री मिल सकेगी। नए कॅरिकुलम में इसका प्रावधान किया गया है। इसके लिए स्टूडेंट्स को एआइसीटीई की ओर से तैयार ऑनलाइन मूक कोर्सेज के 20 क्रेडिट दिए जाएंगे। हालांकि यह ऑप्शनल होंगे। इन्हें पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को ऑनर्स डिग्री दी जाएगी।
फस्र्ट ईयर से ही ट्रेनिंग
नए कॅरिकुलम में फस्र्ट ईयर से ही ट्रेनिंग रखी गई है। इसमें फस्र्ट ईयर के बाद 15 दिन, सेकंड ईयर के बाद 60 दिन और थर्ड ईयर के बाद 60 दिन की ट्रेनिंग होगी। साठ दिन की ट्रेनिंग इंडस्ट्रियल होगी। ट्रेनिंग के सात क्रेडिट होंगे। हर क्रेडिट को 50 माक्र्स दिए हैं। बीटेक का रिजल्ट सीजीपीए में आएगा।
नए कॅरिकुलम में फस्र्ट ईयर से ही ट्रेनिंग रखी गई है। इसमें फस्र्ट ईयर के बाद 15 दिन, सेकंड ईयर के बाद 60 दिन और थर्ड ईयर के बाद 60 दिन की ट्रेनिंग होगी। साठ दिन की ट्रेनिंग इंडस्ट्रियल होगी। ट्रेनिंग के सात क्रेडिट होंगे। हर क्रेडिट को 50 माक्र्स दिए हैं। बीटेक का रिजल्ट सीजीपीए में आएगा।
कॉलेज के हाथ में ज्यादा माक्र्स
हर सेमेस्टर में दो बार मिड टर्म एग्जाम होंगे। इसका असेसमेंट 30 प्रतिशत होगा, जबकि फाइनल पेपर का वेटेज 70 प्रतिशत होगा। यानी अब कॉलेज 20 के बजाए 30 प्रतिशत इंटरनल असेसमेंट के नंबर देंगे। इससे कॉलेज के हाथ में अब पहले से ज्यादा माक्र्स होंगे।
हर सेमेस्टर में दो बार मिड टर्म एग्जाम होंगे। इसका असेसमेंट 30 प्रतिशत होगा, जबकि फाइनल पेपर का वेटेज 70 प्रतिशत होगा। यानी अब कॉलेज 20 के बजाए 30 प्रतिशत इंटरनल असेसमेंट के नंबर देंगे। इससे कॉलेज के हाथ में अब पहले से ज्यादा माक्र्स होंगे।
पुष्पेंद्र शर्मा