कोर्ट ने कहा कि परीक्षा परिणाम को रद्द करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि इससे सफल छह लाख 11 हजार उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2017 को निरस्त करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नीट परीक्षा को निरस्त करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह इस तरह का अंतरिम आदेश नहीं सुना सकती। दाखिले की प्रक्रिया जारी रहेगी।
कोर्ट ने कहा कि परीक्षा परिणाम को रद्द करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि इससे सफल छह लाख 11 हजार उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा। इस परीक्षा में इस बार 11 लाख 35 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिन्दर सिंह पेश हुए, जिन्होंने याचिकाओं का पुरजोर विरोध किया।
NEET काउंसलिंग : कहीं गिर ना जाए डॉक्टर बनने के सपने पर गाजजयपुर. प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों की 400 सीटों पर तलवार लटकने के बीच अब नीट की परीक्षा दे चुके राजस्थान के विद्यार्थियों के डॉक्टर बनने के सपने पर गाज गिर सकती है। इस बार हर राज्य की 85 फीसदी सीटों पर उसी राज्य के विद्यार्थियों का प्रवेश अनिवार्य किया है। प्रदेश में मेडिकल की 1930 सीटें है, जबकि 8-10 हजार अभ्यर्थी प्रवेश के लिए कतार में है। इससे प्रदेश के विद्यार्थियों को नीट पास करने के बावजूद प्रवेश से वंचित रहना पड़ सकता है। जानकारी के मुताबिक उत्तरप्रदेश और कनार्टक ने सभी प्रदेशों के विद्यार्थियों के प्रवेश का रास्ता खोल दिया है।
इस साल देश में 470 मेडिकल कॉलेजों की 65170 सीटों पर प्रवेश के लिए 11.38 लाख विद्यार्थियो ने नीट में पंजीकरण करवाया है। इनमें से 6.11 लाख ने नीट पास की है। दरअसल इस साल इस परीक्षा में सामान्य श्रेणी में 131 और आरक्षित श्रेणी में 107 नंबर मिनिमम कट ऑफ रखे गए। इस कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थी पास हुए। गौरतलब है कि इस समय पहली कांउसंलिंग शुरू हो चुकी है और अंतिम तिथि 16 जुलाई है।
सरकारी कॉलेजों का भी इंतजारप्रदेश में खुलने वाले नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों को लेकर भी अभी तक संशय बरकरार है। सरकार का दावा है कि सब ठीक रहा तो इसी सत्र से इसकी अनुमति मिल जाएगी।