सम्मेलन का आयोजन बी.आर. अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय(इग्रू) ने यहां आयोजित किया था। नायडू ने कहा कि भाषा मानव अस्तित्व को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है और यह आदिकाल से विचारों, भावनाओं को जाहिर करने का एक साधन रहा है।
उन्होंने कहा, हमारा समाज इस तथ्य की मान्यता पर खड़ा हुआ है कि भाषा किसी संस्कृति का जीवन रस और सभ्यता की ईंट है। किसी संस्कृति की समृद्धि उसकी शब्दावली, वाक्य विन्यास से स्पष्ट होती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पढ़ाई के लिए लचीला समय के चलते मुक्त विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचा रहीं। इससे कामकाजी और महिलाओं को काफी सहुलियत हो रही है। गुजरात के शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह चूडासामा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रधान सचिव अनुज शर्मा, बीएओयू के कुलपति पंकज वानी, और इग्नू के कुलपति रवींद्र कुमार भी इस मौके पर उपस्थित थे।
इग्नू ने की थर्ड जेण्डर को नि:शुल्क स्नातक शिक्षा देने की शुरुआत
बुलन्दशहर। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय ओपेन विश्वविद्यालय (इग्नू) ने थर्ड जेन्डर को स्नातक की शिक्षा नि:शुल्क देने की शुरुआत की है। इग्नू के क्षेत्रीय सहायक निदेशक डॉ. भानु प्रताप सिंह ने रविवार को डीएनपीजी कॉलेज में स्थित इग्नू अध्ययन केन्द्र के नव प्रवेशित शिक्षार्थियों के परिचय समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर को भी उच्च शिक्षित बनाकर उन्हें मूल धारा से जोड़े जाने के बाद वे भी राष्ट्र निर्माण को बेहतर बनाने में भूमिका प्रदान कर सकेंगे और उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर उन्हें भी सम्मान से जीवन यापन करने का अवसर मिल सकेगा।
इस अवसर पर कांउसलर गौरव गोयल एवं प्राचार्य रेखा वर्मा ने कहा कि इग्नू की अपनी शिक्षा प्रणाली है जिसका छात्र-छात्राओं को लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरिट लिस्ट में नाम न आने के कारण कॉलेजों में प्रवेश से वंचितों को इग्नू अध्ययन केन्द्र में प्रवेश ले उच्च शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। डॉ भानु प्रताप सिंह ने बताया कि एचआरडी मंत्रालय से गत अगस्त में थर्ड जेण्डर को नि:शुल्क स्नातक शिक्षा प्रदान कराने के आदेश आए थे।
उन्होंने कहा कि थर्ड जेण्डर अभ्यर्थी अगले साल जनवरी 2018 शिक्षा सत्र में प्रवेश ले सकते हैं। समारोह को पूर्व प्राचार्य डॉ वी के शर्मा, डॉ रेखा जिंदल, समन्यवक डॉ महेन्द्र कुमार तथा नेम कुमार आदि ने भी सम्बोधित किया।